कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग में भारत को एक और सफलता मिलती दिख रही है। दरअसल, कोवैक्सीन और कोविशील्ड टीकों की मिश्रित खुराकों पर अध्ययन के परिणाम सुकून देने वाले हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने कहा है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड की मिक्सिंग और मैचिंग स्टडी में बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। अध्ययन में इन दोनों वैक्सीन के मिलाने से यह न केवल वायरस के विरुद्ध सुरक्षित पाया गया, बल्कि इससे बेहतर इम्युनोजेनेसिटी भी प्राप्त हुई।
माना जा रहा है कि यदि अध्ययन की फाइनल रिपोर्ट में नतीजे बेहतर मिलते हैं और सरकार यदि कोवैक्सीन और कोविशील्ड मिश्रित खुराकों को मंजूरी देती है तो कोरोना वायरस के विरुद्ध टीकाकरण अभियान में इसका सकारात्मक प्रभाव दिखेगा।
बता दें कि बीते दिनों भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने इस बात की सिफारिश की थी कि वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) को कोविड-19 के दो टीकों कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिश्रण के क्लिनिकल परीक्षण की अनुमति दी जाए। जिसके बाद इसकी मंजूरी मिली थी।
बता दें कि तीन अगस्त को सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस रोधी टीकों की दोनों खुराक मिलाने के बारे में अब तक कोई सिफारिश नहीं की गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोविड-19 रोधी टीके हाल में विकसित किए गए हैं। विभिन्न टीकों को मिलाने और मिश्रित टीकों को लेकर वैज्ञानिक प्रमाण तथा अध्ययन प्रारंभिक अवस्था में हैं।