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भारत में महिलाओं और बच्चियों के यौन उत्पीड़न पर संयुक्त राष्ट्र भी चिंतित

पूरे देश को शर्मसार करने वाले कठुआ और उन्नाव रेप मामलों से अंतराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की छवि धूमिल...
भारत में महिलाओं और बच्चियों के यौन उत्पीड़न पर संयुक्त राष्ट्र भी चिंतित

पूरे देश को शर्मसार करने वाले कठुआ और उन्नाव रेप मामलों से अंतराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की छवि धूमिल हो रही है। भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कॉर्डिनेटर यूरी अफनासीव ने इस मामले पर एक वक्तव्य जारी करते हुए देश में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है।

वक्तव्य में कहा गया है कि भारत में संयुक्त राष्ट्र उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 17 साल की एक लड़की के साथ गैंगरेप और जम्मू के कठुआ में 8 साल की बच्ची से गैंगरेप और हत्या की कड़ी निंदा करता है। भारत में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं चिंताजनक है। इन दोनों मामलों में चल रही जांच और न्यायिक प्रक्रियाओं के मद्देनजर इन पीड़िताओं और उनके परिवार को जल्द न्याय मिलने की उम्मीद की जानी चाहिए। आशा है कि इस दौरान इन परिवारों और समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। अफसोस की बात है कि ये इस तरह की अकेली घटनाएं नहीं हैं। ऐसी कई घटनाएं अनसुनी, अनदेखी रही जाती हैं क्योंकि यौन व दूसरे प्रकार की हिंसा आम होती जा रही है।


इस सिलसिले को रोकने का एक ही तरीका है कि महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ हिंसा कतई बर्दाश्त न करने की नीति अपनाई जाए और स्कूलों, कॉलेजों, समुदायों, चुने हुए प्रतिनिधियों और शासन तंत्र के साथ मिलकर काम किया जाए। परिवार, समुदाय, संस्थान हरेक स्तर पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों को बचाने की प्रवृत्ति से निपटना जरूरी है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सरकार व अन्य पक्षों की हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है।

 

   

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