Advertisement

50 IRS अधिकारियों पर CBDT ने जांच की शुरु, COVID-19 राहत टैक्स-सुझाव सार्वजनिक करने का आरोप

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आई-टी विभाग के 50 आईआरएस अधिकारियों के खिलाफ जांच करेगी। यह...
50 IRS अधिकारियों पर CBDT ने जांच की शुरु, COVID-19 राहत टैक्स-सुझाव सार्वजनिक करने का आरोप

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आई-टी विभाग के 50 आईआरएस अधिकारियों के खिलाफ जांच करेगी। यह जानकारी सीबीडीटी द्वारा रविवार को जारी एक बयान में दिया गया है। बोर्ड ने अपने बयान में कहा है कि जिन्होंने कोविड-19 राहत उपाय के लिए जुटाए गए राजस्व से संबंधित सुझाव रिपोर्ट को बिना अनुमति के सार्वजनिक किया है। एक बयान में सीबीडीटी ने कहा प्रत्यक्ष कर नीतियों के लिए सर्वोच्च नीति-निर्धारण निकाय है। आईआरएस एसोसिएशन या इन अधिकारियों को इस तरह की रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा नहीं सौंपा जाता है। फिर भी बिना किसी अनुमति के रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है।

दरअसल में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) एसोसिएशन के इन 50 अधिकारियों ने 'FORCE (राजकोषीय विकल्प और कोविड-19 महामारी के लिए विकल्प) शीर्षक से एक रिपोर्ट में 1 करोड़ से अधिक आय वाले लोगों के लिए कर की दर 40 प्रतिशत बढ़ाने का सुझाव दिया था। वर्तमान में 30 प्रतिशत टैक्स 5 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले लोगों के लिए है।

बिना अनुमति किया गया सार्वजनिक

अपने बयान में सीबीडीटी ने कहा, "आधिकारिक मामलों पर अपने व्यक्तिगत विचारों और सुझावों को सार्वजनिक किए जाने से पहले अधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी। यह आदर्श आचरण नियमों का उल्लंघन है। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है। बयान में आगे कहा गया है कि यह रिपोर्ट किसी भी तरीके से सीबीडीटी अथवा वित्त मंत्रालय के आधिकारिक विचारों को नहीं दर्शाती है।

आईआरएस ने दिए थे सुझाव

आईआरएस ने कोविड राहत कार्य के वित्तपोषण के लिए राजस्व जुटाने में मदद करने हेतु 10 लाख रुपए से अधिक की आय वाले लोगों पर 4 प्रतिशत की कोविड  राहत उपकर लगाने का भी सुझाव दिया। जिसको लेकर वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इन अधिकारियों की रिपोर्ट बिना अनुमति के सार्वजनिक होना अनुशासनहीनता और सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है। 

सीबीडीटी अध्यक्ष को सौंपी गई थी रिपोर्ट

बता दें, 23 अप्रैल को रिपोर्ट सीबीडीटी अध्यक्ष को सौंपी गई थी। मंत्रालय के सूत्रों ने आगे कहा कि आईआरएस एसोसिएशन के ट्विटर और वेबसाइट के माध्यम से मीडिया में रिपोर्ट कुछ अधिकारियों द्वारा जारी करना गैर जिम्मेदाराना कार्य है। इससे इतर एक ट्वीट में आईआरएस एसोसिएशन ने यह भी कहा कि नीति उपायों पर सुझाव देने वाले 50 युवा आईआरएस अधिकारियों द्वारा पत्र सीबीडीटी को विचार के लिए भेजा गया है। यह संपूर्ण आईआरएस या आईटी विभाग के आधिकारिक विचारों का प्रतिनिधित्व करने के हेतु नहीं है।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad