पूर्व सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बुधवार को पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर कार्यभार संभाला। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका कार्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाना है। देश के जनरल बिपिन रावत ने सेना के राजनीतिकरण किए जाने के आरोप पर भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सेना राजनीति से बहुत दूर रहती है। वह सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करती है।
सीडीएस रावत ने कहा कि उनका कार्य सशस्त्र बलों के विभिन्न विंगों के बीच तालमेल बनाना है। उन्होंने कहा, "हम खुद को राजनीति से दूर रखते हैं। हम सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करते हैं।"
जनरल रावत ने कहा कि उनका ध्यान तीन सेवाओं के लिए आवंटित संसाधनों के सर्वोत्तम और इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित करना होगा।
इसलिए घिरे थे विवादों में
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर उनकी टिप्पणी के कारण, सरकार द्वारा सीडीएस के रूप में नियुक्त करने के फैसले से पहले जनरल रावत विवादों में घिरे हुए थे। उन्होंने नए कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों की आलोचना की थी।
सेना प्रमुख पद से मंगलवार को हुए रिटायर
बता दें कि जनरल रावत मंगलवार को सेना प्रमुख पद से रिटायर हुए। सोमवार को सरकार ने उन्हें देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया था। वह मार्च 2022 तक इस पद पर अपनी सेवाएं देते रहेंगे। तीनों सेनाओं के बीच बेहतरीन समन्वय के लिए सीडीएस की नियुक्ति हुई है। कारगिल युद्ध के बाद इस पद की मांग उठी थी।
पिछले हफ्ते मिली थी सीडीएस के निर्माण को मंजूरी
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले हफ्ते एक ऐतिहासिक फैसले में, सीडीएस के निर्माण को मंजूरी दे दी थी, जो त्रि-सेवाओं से संबंधित सभी मामलों पर रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेगा।
सीडीएस के लिए सिफारिश कारगिल युद्ध के बाद पहली बार की गई थी। इस दौरान यह तर्क दिया गया था कि यह पद तीन सेनाओं- सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच बेहतर समन्वय बनाएगा।