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नेताजी के मामले में सावधानी से कदम उठाएंगे : नायडू

केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज यहां कहा कि केंद्र अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करने के बाद ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने पर कोई निर्णय करेगा।
नेताजी के मामले में सावधानी से कदम उठाएंगे : नायडू

नायडू ने कहा, पश्चिम बंगाल सरकार ने नेताजी से जुड़ी कुछ गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया है। यह अच्छा है... केंद्र द्वारा ऐसा फैसला किए जाने से पहले यह अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है कि उन फाइलों में क्या है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय, अन्य देशों, पड़ोसियों के साथ हमारे संबंधों पर पड़ने वाले असर का अध्ययन किए जाने की जरूरत है। संसदीय कार्य मंत्री ने एक आयोजन से इतर यहां संवाददाताओं से कहा, केंद्र को उसका अध्ययन करने के बाद ही कोई अंतिम फैसला करना होगा। मैं व्यक्तिगत तौर पर महसूस करता हूं कि देश के लोगों को नेताजी के मुद्दे पर सच जानने का अधिकार है। सरकार इस बारे में सोचेगी और फैसला करेगी कि इसे कब और कैसे किया जाए।

नेताजी के रहस्यमय ढंग से लापता होने के 70 साल बाद कल पश्चिम बंगाल सरकार ने करीब 13 हजार पन्नों वाली 64 फाइलों को सार्वजनिक कर दिया जिनसे पता चलता है कि स्वतंत्र भारत में नेताजी के परिवार के कुछ सदस्यों की जासूसी की गई थी। बहरहाल, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है कि क्या नेताजी की मौत 1945 में विमान हादसे में हुई थी।

दशकों तक पुलिस और सरकार के लॉकरों में दबी रही और अब सार्वजनिक हुई इन फाइलों में 12,744 पेज हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने इन्हें नेताजी के परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में सार्वजनिक किया जो लंबे समय से फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग करते रहे हैं। सोमवार से इन फाइलों को जनता भी देख सकेगी। इससे पहले इन्हें कोलकाता पुलिस संग्रहालय में कांच के बॉक्स में रखा गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मांग की है कि केंद्र अपने पास रखी नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करे। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेताजी के लापता होने का रहस्य 70 साल से अनसुलझा है। नेताजी के परिवार के कुछ सदस्यों ने इस बात को खारिज किया कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान के ताइहोकू में एक विमान हादसे में नेताजी की मौत हो गई थी।

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