नई दिल्ली। सुनंदा पुष्कर के शव का परीक्षण करने वाले डॉक्टर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के बीच टकराव तेज हो गया है। एम्स ने दिल्ली हाईकोर्ट से फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर कुमार गुप्ता को हटाने की अनुमति मांगी है। उधर, सुनंदा पुष्कर का शव परीक्षण करने वाली टीम में शामिल डॉक्टर आदर्श कुमार ने आरोप लगाया है कि फॉरेंसिक विभाग के अन्य डॉक्टरों के साथ-साथ उन पर भी सुनंदा पुष्कर की मौत को कुदरती बताने के लिए दबाव डाला गया था। विभाग के एचओडी डॉ. सुधीर कुमार गुप्ता के अलावा आदर्श कुमार और डॉ. शशांक पूनिया भी शव परीक्षण करने वाली टीम में शामिल थे। पिछले साल सितंबर में दिल्ली पुलिस को सौंपी गई शव परीक्षण (ऑटाेप्सी रिपोर्ट) में इस टीम ने सुनंदा पुष्कर की मौत जहर से होने का दावा किया था।
इस पूरे प्रकरण की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से करते हुए डॉ. सुधीर गुप्ता ने एक पत्र लिखा है। इस पत्र में गुप्ता ने एम्स के निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा पर सुनंदा पुष्कर की शव परीक्षण रिपोर्ट बदलने के लिए उन पर दवाब डालने के गंभीर आरोप लगाए हैं। गुप्ता के पत्र के मुताबिक, डॉ. एमसी मिश्रा ने उन्हें सुनंदा पुष्कर की मौत को कुदरती मौत बताने वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने को कहा, जबकि जांच के नतीजे इसके विपरीत थे। गुप्ता ने दावा किया है पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलवाने के लिए एम्स निदेशक और शशि थरूर के बीच हुए कुछ ई-मेल भी मौजूद हैं।
गौरतलब है कि इस मामले की शिकायत डॉ. गुप्ता केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल यानी कैट से भी कर चुके हैं। लेकिन कैट ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके बाद डॉ. गुप्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने 25 मार्च को एम्स को निर्देश दिया था कि उसकी मंजूरी के बगैर डॉ. गुप्ता को नहीं हटाया जाए। निर्देश का पालन करते हुए मंगलवार को एम्स ने फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख पद से डॉ. सुधीर कुमार गुप्ता को हटाने की अनुमति मांगते हुए एक हलफनामा पेश किया है। संस्थान गुप्ता की जगह डॉ. डीएन भारद्वाज को फॉरेंसिक विभाग का नया अध्यक्ष नियुक्त करना चाहता है।
(एजेंसी इनपुट)