टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सूरत के चाय बेचने वाले से फायनेंसर बने किशोर भजियावाला ने नोटबंदी के बाद पैसे जमा करने और निकालने के लिए करीब 700 लोगों के डमी अकाउंट्स का प्रयोग किया था। आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि अभी तक भजियावाला के 27 बैंक अकाउंट्स सामने आएं हैं, जिनमें करीब 20 अकाउंट्स बेनामी हैं।
इन्हीं बेनामी अकाउंट्स के जरिए से भजियावाला ने बड़ी तादाद में कालेधन को सफेद किया। इस मामले में आयकर विभाग की भी जांच अभी जारी है। विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि 8 नवंबर के बाद भजियावाला ने अपने अकाउंट्स में कितने पैसे निकाले और कितने जमा किए।
गौरतलब है कि आयकर विभाग ने अभी तक भजियावाला के पास करोड़ों रुपये में नई करंसी, किलो के हिसाब से सोना-चांदी और बेशकीमती जेवरात बरामद किए हैं। वहीं जांच एजेंसियों को भजियावाला के पास अरबों रुपये की प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी मिले हैं, जो उसकी पत्नी, बेटी और बेटे के नाम पर दर्ज हैं।
गुजरात के साथ-साथ महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भजियावाला की बेनामी संपत्ति का खुलासा किया गया है। बताते चलें कि कालेधन को सफेद करने के इस मामले में बड़े लोगों के शामिल होने की संभावनाओं के मद्देनजर यह केस सीबीआई को सौंपा गया था। फिलहाल सीबीआई मामले की जांच में जुटी है।