इस साल गणतंत्र दिवस पर जिन हस्तियों को पद्मश्री से नवाजा गया है, उनमें राजस्थान के भजन गायक रमजान खान उर्फ मुन्ना मास्टर भी शमिल हैं। कृष्ण भजन के लिए रमजान खान के पुत्र फिरोज खान की बनारस हिंदू यूनीवर्सिटी (बीएचयू) के संस्कृत संकाय में नियुक्ति पर जोरदार विरोध हुआ था।
कृष्ण भजन के लिए मशहूर हैं रमजान खान
प्रोफेसर फिरोज खान के पिता रमजान खान उर्फ मुन्ना मास्टर जयपुर के रहने वाले हैं। वे भगवान श्रीकृष्ण और गाय पर भक्ति गीत के लिए मशहूर हैं। 61 वर्षीय मुन्ना मास्टर जयपुर के बगरू के रहने वाले हैं। उन्होंने श्री श्याम सुरभि वंदना नाम से किताब भी लिखी है। वह संस्कृत का भी अच्छा ज्ञान रखते हैं।
बेटे की नियुक्ति पर विवाद से दुखी थे
बेटे के संस्कृत निकाय में नियुक्ति पर उठे विवाद से वह बहुत दुखी हुए थे। लेकिन उनके विशिष्ट और उल्लेखनीय योगदान के लिए खान को सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। उनके भजन गंगा-जमुनी तहजीब की पहचान हैं। पद्मश्री का सम्मान कुल 118 हस्तियों को दिया गया है जिनमें मुन्ना मास्टर भी शामिल हैं।
एक महीने तक चला था फिरोज का विरोध
मुन्ना मास्टर के बेटे फिरोज का बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की गई थी, इसके बाद छात्रों ने उनकी नियुक्ति का विरोध शुरू कर दिया और 7 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे। यह विरोध-प्रदर्शन करीब एक महीना चला था। छात्रों का कहना था कि एक गैर-हिंदू शिक्षक संस्कृत संकाय में धार्मिक अनुष्ठान नहीं सिखा सकता है। वह अन्य संस्कृत विभाग में भाषा तो पढ़ा सकते हैं, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान नहीं सिखा सकते हैं। इसके बाद फिरोज खान ने पद से इस्तीफा दे दिया और संस्कृत विभाग के कला संकाय में असिस्टेंट प्रोफेशर के पद पर ज्वाइन कर लिया।