मौजूदा समय में अरविंद केजरीवाल के दफ्तर में काफी कम अफसर हैं और सरकारी सूत्रों की माने तो यह जल्दी ही अफसरविहीन हो जाएगा। मुख्यमंत्री दफ्तर के करीबी सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने 10-12 अफसरों से अपने यहां काम करने के लिए संपर्क किया था लेकिन सभी ने नई तैनाती का हवाला देकर इंकार दिया। उन्हें डर है कि अगर सीएम दफ्तर में तैनाती ली तो वह सीबीआई के रडार पर आ सकते हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री पर बाहर से स्टाफ लाने के अलावा कोई चारा नहीं बचता।
मौजूदा हालात के चलते सीएम दफ्तर इस समय लगभग खाली हो गया है। मुख्यमंत्री दफ्तर में बतौर ओएसडी तैनात भारतीय राजस्व सेवा के अफसर सुकेश जैन ने अपने मूल काडर में जाने क लिए आवेदन किया है। अतिरिक्त सचिव गीतिका शर्मा का तबादला हो गया है और अतिरिक्त सचिव दीपक विरमानी ने स्टडी लीव के लिए आवेदन किया है। इस समय सीएम दफ्तर को देखने के लिए तुरंत अफसर की जरूरत है।
आप सरकार का आरोप है कि परंपरा है कि ट्रांसर्फर में सीएम को विश्ववास में लिया जाना चाहिए लेकिन इस परंपरा को तोड़ दिया गया है। सेवा से जुड़े मुद्दे पूरे तौर पर उपराज्यपाल व केंद्रीय गृह मंत्रालय ले रहा है तथा आईएएस व दानिक्स के तबादले वहीं से तय हो रहे हैं। मालूम हो कि 2016 में आईएएस अफसर व मुख्यमंत्री के तत्कालीन पमुख सचिव राजेंद्र शर्मा व उप सचिव तरूण शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। तब उन पर पद के दुरुपयोग व रिश्वतखोरी का आरोप लगा था।