17 मई को अनुराग तिवारी का शव मिलने की सूचना पुलिस को डायल 100 की पुलिस रिस्पांस वाहन को सुबह 5.33 मिनट पर दी गई लेकिन वे आधे घंटे देर से पहुंचे। लखनऊ एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक, पुलिस रिस्पांस वाहन 467 पर तैनात सिपाही घटना के आधे घंटे बाद मौके पर पहुंचे थे जिस पर पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की गई है। मृतक अनुराग के भाई मयंक तिवारी की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
अनुराग के परिजनों का आरोप है कि उनका बेटा ईमानदार था लेकिन उस पर कर्नाटक में गलत काम का दबाव बनाया जाता था। खुद भाई मयंक ने पुलिस को सूचित किया था कि उनके भाई ने कर्नाटक में किसी बड़े घोटाले को उजागर करने की बात की थी और सारी जानकारी पीएमओ व सीबीआई को देने वाले थे। पोस्टमार्टम जांच में भी यह बात सामने आई थी कि अनुराग की मौत दम घुटने से हुई थी और जहां पर शव मिला था वहां पर उस तरह से किसी की मौत नहीं हो सकती। अनुराग के फोन से भी छेड़छाड़ की गई थी जिससे पूरा मामला संदिग्ध है जिसकी निष्पक्ष जांच कराया जाना जरूरी है।