आतंकी रोधी बल एनएसजी के नेशनल बम डेटा सेंटर (एनबीडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 की तुलना में साल 2016 में आईईडी धमाकों में 26 फीसद और मृतकों की संख्या में तीन फीसद वृद्धि हुई।
पिछले साल धमाकों में देशभर में 112 लोगों की मौत होने की खबर है। इनमें से सबसे ज्यादा 73 मौत वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) राज्यों, 14 उग्रवाद प्रभावित पूर्वोत्तर, पांच जम्मू-कश्मीर और 20 शेष देश में हुई।
पिछले हफ्ते जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एलडब्ल्यूई प्रभावित राज्यों में सबसे ज्यादा 65 फीसद (73 जवान) मौत हुई। इन राज्यों में मौत की सर्वाधिक दर से यह संकेत मिलता है कि माओवादी घातक, आक्रामक और जंगल के इलाकों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। देशभर में पिछले साल आइईडी और दूसरे बमों से कुल 337 धमाके किए गए। इनमें 479 लोग घायल भी हुए। जबकि साल 2015 में 268 धमाके किए गए और 457 लोग घायल हुए थे।
पिछले साल जितने आइईडी धमाके हुए उनमें से 83 फीसद के पीछे नक्सलियों और दूसरे उग्रवादियों का हाथ था। यह चिंताजनक है।