मंगलवार को बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत से किसी भी दोषी को मृत्युदंड न दिए जाने की अपील करते हुए कहा कि खुद अभियोजन पक्ष के मुताबिक इन दोषियों ने घटना को अंजाम जरूर दिया लेकिन ये मास्टरमांइड नहीं थे। गौरतलब पिछले दिनों विशेष ट्रायल कोर्ट ने 2006 मुंबई बम कांड के 13 में से एक आरोपी को बरी करते हुए 12 लोगों को दोषी करार दिया था।
अभियोग पक्ष के विशेष वकील राजा ठाकरे ने कहा कि जहां तक अपराध की गंभीरता का सवाल है, सभी मुल्जिम बराबर के दोषी हैं। अगर इस सिद्धांत का पालन किया जाए कि सभी षडयंत्रकारियों के साथ एकसमान बर्ताव होना चाहिए तब ये सभी मृत्युदंड के हकदार हैं। फिर भी वह सब के लिए मौत की सजा नहीं मांगेंगे। इससे पहले सभी 12 दोषियों ने ट्रायल कोर्ट से मानवता के आधार पर मौत की सजा नहीं देने की गुहार लगाई थी। इस मामले में 30 सितंबर को सजा सुनाए जाने की संभावना है।
गौरतलब है मुंबई में हुए ये सीरियल ब्लास्ट देश में अब तक के सबसे खतरनाक आतंकी हमलों में से एक हैं। 11 जुलाई, 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए विस्फोट में 188 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।