सर्वोच्च अदालत ने कहा, 'हम मानते हैं कि राहुल गांधी ने आरएसएस को हत्यारा नहीं कहा था, बल्कि सिर्फ उससे जुड़े लोगों के लिए कहा था। ऐसे में संघ के लिए मानहानि वाली बात नहीं लगती। सुप्रीम कोर्ट 1 सितंबर को मामले में मुकदमा रद्द करने को लेकर अपना फैसला सुनाएगी।
राहुल गांधी ने कोर्ट से अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मानहानि से जुड़े मामले को रद्द करने की मांग की है। इससे पहले वह कोर्ट के माफी मांगने के प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं। राहुल की ओर से दलील दी गई कि उन्होंने जो कहा वो महात्मा गांधी की हत्या के ट्रायल पर आधारित है। 2014 में महात्मा गांधी की हत्या का आरोप कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाने के संबंध में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला दाखिल किया गया था।
सिब्बल ने राहुल का किया बचाव, आरएसएस पर किया हमला
इधर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मसले पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का बचाव किया है। कपिल सिब्बल ने सरकारी विज्ञप्ति और किताबों का हवाला देते हुए महात्मा गांधी के हत्या के मामले में आरएसएस को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पर राजनीति के तहत आरोप लगाए गए हैं। कपिल सिब्बल ने इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने 4 फरवरी 1948 की एक सरकारी विज्ञप्ति का हवाला दिया। इसमें संघ को खतरनाक कामों में लिप्त बताया गया था।
विज्ञप्ति में लिखा था कि देश के कई हिस्सों में संघ के सदस्य हिंसा, डकैती और मर्डर जैसे कामों में लिप्त थे। सिब्बल के मुताबिक ये बातें राहुल गांधी ने नहीं भारत सरकार ने कही थी। सिब्बल ने श्याम चंद की किताब सैफरन फासिज्म के हवाले से पंडित नेहरु के खत का जिक्र किया। सिब्बल के मुताबिक सरदार पटेल को लिखे खत में नेहरु ने गांधी की हत्या को संघ के व्यापक अभियान का एक हिस्सा बताया था। सिब्बल ने पूछा संघ ऐसी किताबों के खिलाफ केस क्यों नहीं दर्ज कराता। सिब्बल के मुताबिक सरदार पटेेल ने नेहरु के खत का जवाब देते हुए संघ को हिंदू महासभा का एक कट़टर दक्षिणपंथी संगठन बताया था। सिब्बल ने कहा कि सरदार पटेल ने इस साजिश की बात स्वीकार की थी।