मुंबई के कई इलाकों में कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए 20 फीट से ऊंचा पिरामिड बनाया गया। डोंबिवली में जहां गोविंदाओं ने कोर्ट के आदेश से नाराजगी जताते हुए इसे नहीं माना, वहीं दादर में काले झंडे भी दिखाए गए। हालांकि प्रशासन से समय रहते एक्शन लिया और दादर में 20 फीट से ऊंचे दही-हांडी को तोड़ दिया।
दादर में 20 फीट से अधिक लंबे पिरामिड का निर्माण किया। यह पिरामिड एक मानव श्रृंखला की तरह जमीन पर लेटकर बनाया गया। प्रतियोगियों ने कहा कि यह कोर्ट का सम्मान करते हुए यह बताने की कोशिश है कि वह आदेश से खुश नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में संशोधन करने से इनकार कर दिया, जिसमें मानव पिरामिड की अधिकतम ऊंचाई 20 फुट निर्धारित कर दी गई थी। जस्टिस एआर दवे, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एल. नागेश्वर राव की पीठ ने मुंबई के एक संगठन की याचिका को खारिज करते हुए कहा, 'नहीं, हम फिलहाल इसमें संशोधन नहीं करने जा रहे हैं।'
कोर्ट ने दही-हांडी में 18 साल से कम आयु के युवाओं की भागीदारी पर भी रोक लगा दी। जस्टिस दवे ने कहा, ‘क्या इस कार्यक्रम ने ओलंपिक में कोई पदक लाया है। मैं शहर का रहने वाला हूं, अगर यह कोई पदक लाया होता तो मैं खुश होता।'