प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर एक अनोखी कोशिश के तहत एक टन से अधिक वजन का दुनिया का सबसे ऊंचा पिरामिड केक बना कर विश्व रिकाॅर्ड बनाने की तैयारी के साथ ही उन भारतीय बेटियों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने प्रशासन, विज्ञान, खेल, कला सहित विभिन्न क्षेत्राों में अपनी उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित किया है।
जन्माष्टमी के मौके पर मुंबई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई गईं। दही हांडी के लिए 20 फिट से ऊंचे मानव पिरामिड पर कोर्ट ने रोक लगाई थी पर अधिकांश जगह इससे ज्यादा ऊंचाई पर हांडी लटकार्इ गई। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया। उनकी पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तो 42 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी लटकाई गई।
उच्चतम न्यायालय ने आज दही हांडी से संबंधित एक याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। इस याचिका में शीर्ष अदालत द्वारा तय की गई मानव पिरामिड की 20 फुट उंचाई में ढील देने का अनुरोध किया गया है। महाराष्ट में जन्माष्टमी के दिन दही हांडी उत्सव के दौरान मानव पिरामिड बनाए जाते हैं।
महाराष्ट्र में दही हांडी के मामले में उच्चतम न्यायालय ने महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे भाग नहीं लेगे। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि बंबई उच्च न्यायालय ने जो तय किया था उसी नियम के तहत दही हांडी में लोगों के पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट से ऊपर नहीं रखी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि 'हमने भगवान श्री कृष्ण के मक्खन चुराने के बारे में तो सुना है, लेकिन उनके करतब के बारे में नहीं सुना।