मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को है और इस मौके पर वह अपने गृह राज्य गुजरात जाएंगे। उनके जन्मदिन पर पिरामिड केक सूरत में काटा जाएगा। मोदी के जन्मदिन के लिए यह खास आयोजन गुजरात की अतुल बेकरी, गैर सरकारी संगठन शक्ति फाउंडेशन तथा देश भर में गिटार के 30 से अधिक केंद्र संचालित करने वाली संस्था गिटार माॅन्क कर रहे हैं। एम्पावरिंग डाॅटर्स : एम्पावरिंग इंडिया के संदेश वाले इस केक में, चर्चित बेटियों की विभिन्न क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों का जिक्र होगा।
पर्वतारोही एवं बाइकर सारिका मेहता ने इस बारे में कहा आजादी के इतने साल के बाद भी हमें भेदभाव का सामना करना पड़ता है। अपना हक हमें मुंह खोल कर मांगना पड़ता है। एेसा क्यों ....? हमें पूजनीय मत बनाइये, हमें हमारे अधिकार और बराबरी का दर्जा दीजिये। उम्मीद है कि नयी कोशिशों और प्रयासों के चलते महिलाएं शीघ्र ही अधिकार संपन्न होंगी, न केवल कागजों पर बल्कि हकीकत में भी। सेवानिवृत्त एडीशनल कलेक्टर एवं इन दिनों भाजपा से संबद्ध अजीत खत्री ने कहा राजनीतिक रंग से बिल्कुल अलग, यह आयोजन उन बच्चियों के लिए है जिन्होंने तमाम असमानताओं का सामना किया लेकिन अपना हौसला नहीं खोया। भारत का सुनहरा भविष्य लिखने में आखिर उनकी भी हिस्सेदारी है।
गिटार माॅन्क के निदेशक कपिल श्रीवास्तव ने कहा हमारे देश में नारी को शक्ति माना जाता है लेकिन बालिका भ्रूण हत्या, दहेज की खातिर हत्या और लिंग असमानता से जुड़ी खबरें व्यथित कर जाती हैं। आधी आबादी बार बार अपनी काबिलियत और उपयोगिता साबित करती है फिर भी वह अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है। प्रधानमंत्री का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ संदेश इस मायने में बहुत प्रासंगिक है। जिस समाज में आधी आबादी सम्मानित न हो वह विकास कैसे कर पाएगा। हमारी कोशिश है कि केक आयोजन के माध्यम से एक संदेश लोगों तक जाए कि बेटियों को कम करके नहीं आंकना चाहिए।
यह आयोजन गुजरात के सूरत शहर में होगा और देश भर से 1000 से अधिक युवा गिटार वादक सूरत में एकत्र होंगे। दिल्ली के गिटार माॅन्क की अगुवाई में शांति के संदेश के साथ ये गिटारवादक जन्मदिन के लिए एक खास धुन बजाएंगे। स्वच्छ भारत अभियान के अलावा बालिकाओं को पढ़ने के लिए मुफ्त किताबें मुहैया कराने जैसे सामाजिक कार्य से संबद्ध रही अतुल बेकरी यह केक नि:शुल्क तैयार कर रही है। काटे जाने के बाद इस केक को दिव्यांग, कमजोर एवं वंचित वर्ग की करीब 10,000 लड़कियों को वितरित किया जाएगा।
विकास की दौड़ में समाज की मुख्य धारा से अभी भी बेहद दूर, हदपाड़ी और कोटवाडि़या जैसे वंचित एवं पिछड़े समुदायों के लिए काम करने वाले शक्ति फाउंडेशन की कोशिश है कि इस अनूठी पहल को गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में स्थान जरूर मिले।