बेंगलुरु में बुधवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल जीत का जश्न एक बड़े हादसे में तब्दील हो गया, जब एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों की संख्या में लोग RCB की पहली आईपीएल खिताबी जीत का उत्सव मनाने स्टेडियम पहुंचे थे। मृतकों में कम से कम एक महिला शामिल है, जबकि करीब 50 अन्य घायल हुए हैं, जिन्हें पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बेंगलुरु में हुए “हादसे” को लेकर घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, “बेंगलुरु में हुआ हादसा बेहद दर्दनाक है। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो लोग घायल हुए हैं, वे जल्द से जल्द स्वस्थ हों।”
हादसे से पहले सोशल मीडिया और टीवी पर आए वीडियो में दिखा कि पुलिस भारी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही थी। यह समारोह कर्नाटक क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित किया गया था, जहां टीम को सम्मानित किया जाना था।
राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने स्थिति को बेकाबू बताया और कहा, "मैं इस भीड़ के लिए माफी मांगता हूं। हमने पांच हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए थे, लेकिन यह युवा और जोशीली भीड़ थी, हम लाठीचार्ज नहीं कर सकते थे।" हालांकि उन्होंने मरने वालों की पुष्टि नहीं की। कई घायल और बेहोश लोगों को पास के बोरिंग अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज जारी है। हादसे के बाद कई एम्बुलेंस स्टेडियम से अस्पताल रवाना हुईं।
RCB की यह जीत 18 साल में पहली बार हुई है, जब से आईपीएल की शुरुआत 2008 में हुई थी। इस टीम में विराट कोहली जैसे स्टार खिलाड़ी शामिल हैं और कर्नाटक में इसका जबरदस्त फैनबेस है। जैसे ही RCB ने पिछले रात पंजाब किंग्स को हराकर खिताब जीता, बेंगलुरु की सड़कों पर भारी जश्न शुरू हो गया। जीत के जश्न में शहर के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। टीम के सम्मान में एक विजय परेड आयोजित की गई थी, जिसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी।
इस हादसे पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी ने दुख व्यक्त किया और कांग्रेस सरकार पर भीड़ प्रबंधन में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "कर्नाटक सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रही है। जश्न अपनी जगह है, लेकिन बिना सही योजना और इमरजेंसी सेवाओं को विश्वास में लिए बिना यह फैसला लिया गया। यह हादसा रोका जा सकता था, सरकार जिम्मेदार है और जवाबदेही तय होनी चाहिए।"