भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा मंगलवार-बुधवार की रात को पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मिल रहा है। विशेष रूप से, भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने इस ऑपरेशन की जमकर सराहना की है। उन्होंने इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की आत्मरक्षा का मजबूत कदम बताते हुए कहा, "ऑपरेशन पर बहुत गर्व है, इसका नाम प्रेरणादायक और सटीक है। आतंकवादियों को पता होना चाहिए कि निर्दोष लोगों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधों से बचने की कोई जगह नहीं है।"
ऑपरेशन सिंदूर, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था। इसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
इजरायल के राजदूत ने अपने एक्स पोस्ट में भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने ऑपरेशन के नाम 'सिंदूर' को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए इसे प्रेरणादायक बताया, जो पहलगाम हमले में मारे गए नवविवाहित जोड़ों की स्मृति को समर्पित है। इजरायल के कॉन्सुल जनरल कोब्बी शोशानी ने भी इस कार्रवाई की प्रशंसा की, इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता का प्रतीक बताया।
पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन को 'कायराना' बताते हुए दावा किया कि आठ नागरिक मारे गए, जिसे भारत ने खारिज किया। ऑपरेशन के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, और संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। भारत ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करने के लिए थी, न कि पाकिस्तानी सेना या नागरिकों के खिलाफ।
इजरायल का यह समर्थन भारत के लिए कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, खासकर जब तुर्की और चीन जैसे देश पाकिस्तान के पक्ष में बयान दे रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत की सैन्य ताकत दिखाई, बल्कि वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाया है।