अग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक, केन्द्र सरकार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई), सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एसआरएफटीआई) का “कार्पोरेटाइजेशन” करने की तैयारी कर रही है। वहीं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय या जामिया मिल्लिया इस्लामिया में मर्ज कर सकती है।
खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा 679 स्वायत्तशासी संस्थानों की समीक्षा के पहले चरण में यह निर्णय लिया गया है ।
जनवरी में शुरू हो गई थी प्रक्रिया
समाचार पत्र 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, इस साल जनवरी में सोसाइटीज ऑफ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत बनाए गए स्वायत्तशासी संस्थानों की समीक्षा शुरू की थी। इस समीक्षा के पहले चरण में सात मंत्रालयों/विभागों के तहत आने वाले 114 संस्थानों की समीक्षा की गई। जिसके बाद निर्णय लिया गया कि इनमें से 42 को या तो पूरी तरह बंद करके या दूसरे संस्थानों में विलय कराके या कई संस्थानों का समुच्चय बनाकर या कार्पोरेटाइजेशन करके उनकी स्वायत्तता समाप्त की जाएगी। वहीं जिन तीन संस्थानों का “कॉर्पोरेटाइजेशन” किया जाएगा वो अधिग्रहण के बाद स्वतंत्र कंपनी या स्पेशल पर्पज वेहिकल (एसपीवी) के रूप में काम करेंगे।
और भी संस्थान आएंगे घेरे में
सरकार की योजना के मुताबिक अभी और भी संस्थानों की स्वायत्तता जा सकती है। बताया जा रहा है कि इस महीने के अंत में नीति आयोग दूसरे चरण की समीक्षा शुरू करने के लिए बैठक करेगा। दूसरे चरण में भी सोसाइटीज ऑफ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत निर्मित स्वायत्तशासी संस्थानों की समीक्षा की जाएगी।