म्यांमार की नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की को ‘सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड’ की ओर से दिया गया सम्मान वापस ले लिया गया है। यह सम्मान उनके देश में रोहिंग्या मुसलमानों की दुर्दशा पर उनके द्वारा कथित समुचित कदम नहीं उठाने पर वापस ले लिया गया है।
1997 में दिया गया था ‘फ्रीडम ऑफ ऑक्सफोर्ड’
बता दें कि सू की अप्रैल 2016 से म्यांमार की स्टेट काउंसलर हैं। यह पद देश के प्रधानमंत्री पद के समान है। ऑक्सफोर्ड सिटी काउंसिल ने म्यांमार की इस नेता को लोकतंत्र के लिए लंबा संघर्ष करने को लेकर साल 1997 में ‘फ्रीडम ऑफ ऑक्सफोर्ड’ प्रदान किया था।
काउंसिल ने सर्वसम्मति से पारित किया प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड सिटी काउंसिल ने 2 अक्टूबर को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि म्यांमार की नेता आंग सान सू की के पास यह सम्मान होना अब उपयुक्त नहीं है। ऑक्सफोर्ड सिटी काउंसिल के नेता बॉब प्राइस ने उनका सम्मान वापस लेने के कदम का स्वागत किया। साथ ही, इस बात की पुष्टि की कि यह स्थानीय प्रशासन के लिए अप्रत्याशित कदम है। अब सिटी काउंसिल इस बात के सत्यापन के लिए 27 नवंबर को एक विशेष बैठक करेगी कि यह सम्मान वापस लिया जाए।
सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से गहरा नाता रहा
सू की का सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से गहरा नाता रहा है। सिटी काउंसिल के इस कदम से पहले सेंट ह्यू कॉलेज अपने एंट्री गेट से उनकी तस्वीर हटा चुका है। तस्वीर हटाने का कारण समायोजन बताया जा रहा है, लेकिन ऐसी भी सोच है कि रोहिंग्या मुसलमानों का सफाया इसकी वजह हो सकती है। म्यांमार में सेना के अभियान के बाद करीब पांच लाख रोहिंग्या मुसलान विस्थापित हो गए हैं।