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केंद्र का राज्यों को निर्देश- रोहिंग्या को कैंपों तक करें सीमित, गतिविधियों पर रखें नजर

केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों को निर्देश दिया है कि वह राज्यों में अवैध रूप से रह रहे...
केंद्र का राज्यों को निर्देश- रोहिंग्या को कैंपों तक करें सीमित, गतिविधियों पर रखें नजर

केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों को निर्देश दिया है कि वह राज्यों में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को सीमित रखें। केन्द्र ने कहा है कि रोहिंग्या सहित अवैध प्रवासियों के प्रवेश को रोकने के लिए राज्य सभी आवश्यक कदम उठाएं। राज्य सरकारों से रोहिंग्या मुस्लिमों की निजी और बायोमेट्रिक जानकारी मांगी गई है। इसके अलावा उन्हें किसी तरह का पहचान पत्र, आधार कार्ड न जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर समेत भारत में रह रहे रोहिंग्याओं और अन्य अवैध प्रवासियों पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की।      

मंत्रालय के पत्र में कहा गया, "इस तरह के अवैध प्रवास गंभीर चुनौती हैं और इसका सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि कुछ प्रवासी अवैध गतिविधियों में शामिल हैं तथा वे कट्टरपंथीकरण के प्रति संवेदनशील हैं।"

जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव को भेजे गए पत्र में गृह मंत्रालय ने लिखा है कि भारत में गैरकानूनी रूप से रह रहे रोहिंग्या शरणार्थी नकली पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड बनाने, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।

गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि उन सभी रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए समय-समय पर सभी राज्यों को विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं, जो अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रहे हैं और रह रहे हैं।

- उन्हें निर्दिष्ट पहचान स्थानों पर प्रतिबंधित करें और उनकी गतिविधियों/ हरकतों को राज्य पुलिस/ खुफिया एजेंसियों द्वारा सख्ती से देखा जाना चाहिए।

 -उनमें से प्रत्येक की पहचान की जानी चाहिए, व्यक्तिगत विवरण (नाम, जन्मतिथि, लिंग, जन्मतिथि, पिता / माता नाम, म्यांमार / कुछ अन्य देशों की राष्ट्रीयता आदि में पता लगाया जा सकता है।

- रोहिंग्या सहित अवैध प्रवासियों को कोई आधार कार्ड या अन्य दस्तावेज जारी नहीं किए जाएं, जो बाद में उन्हें भारतीय नागरिक होने का दावा करने में मदद कर सके।

-इस तरह के रोहिंग्या/ अवैध प्रवासियों के व्यक्तिगत पहचान दस्तावेज म्यांमार सरकार के साथ एमईए के माध्यम से उनके राष्ट्रीयता का सत्यापन, यात्रा दस्तावेजों के मुद्दे को म्यांमार को प्रत्यावर्तन के लिए केन्द्र को साझा किए जाएं।

-उनकी गतिविधियों पर नजर रखें और कानून / नीति / निर्देशों के अनुसार उनके प्रत्यावर्तन/ निर्वासन के लिए कार्रवाई सुनिश्चित करें।

अनुमान के मुताबिक भारत के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 40,000 रोहिंग्या गैर कानूननी रूप से रह रहे हैं। इनमें से जम्मू कश्मीर में 7,096, हैदराबाद में 3,059, हरियाणा के मेवात में 1,114, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1200, दिल्ली के ओखला में 1,061 और जयपुर में 400 रोहिंग्या बसे हुए हैं।

      

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