सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में नया मोड़ सामने आया है। इस मामले में आरोपी सुशील कुमार की रोहिणी लैब के वरिष्ठ फोरेंसिक सहायक (मनेचिकित्सक) से काउंसलिंग करवाई गई है। जिसकी रिपोर्ट में कहा गया कि बातचीत से पता चलता है सुशील कुमार बहुत उग्र स्वभाव के व्यक्ति हैं। उनके जबड़े दबाने व कंधों को ऊपर उठाने से उनके अंदर की उग्रता का पता चलता है। हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार उन्हें इस घटना पर कोई अपराधबोध या पश्चाताप की भावना नहीं है। वह बहुत की जिद्दी किस्म के हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दायर किए गए आरोपपत्र में इसका भी जिक्र किया है।
रोहिणी स्थित मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा की अदालत में दायर किए गए आरोपपत्र में बताया गया कि साइकेट्रिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार दो बार ओलंपिक पदक जीत चुके सुशील कुमार बहुत गुस्सैल है। वह जैसा सोचते हैं वैसे ही व्यवहार करते हैं। वह अपने आप को कानून से परे मानते हैं। उन्हें अपनी प्रतिष्ठा और नाम पर बहुत अभिमान है। उनका व्यवहार भी कापी शत्रुतापूर्ण है। मनोचिकित्सक की यह रिपोर्ट सुशील कुमार के खराब व्यवहार को बयां कर रही है। यह रिपोर्ट उन्हें मुश्किल में डाल सकती है।
पुलिस द्वारा आरोपपत्र में कहा गया है कि इस पूरे मामले का साजिशकर्ता सुशील कुमार है। सागर धनखड़ की हत्या करने से पहले उसने दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से अपने साथियों को इकट्ठा किया था। कुछ लोगों को हरियाणा से भी बुलाया गया था, जो जनलेवा हथियारों के साथ यहां आए थे। उन्होंने आरोपी को हत्या के इरादे से बुरी तरह पीटा था। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सुशील के फोन कॉल की जब जांच की गई तो पाया गया कि उसका फोन हर उस जगह लगाया गया था जहां से इस हत्याकांड के तार जुड़े थे।