दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल को नहीं रोका जाएगा क्योंकि इसके शुरुआती नतीजें काफी अच्छे रहे हैं। केंद्र ने जान का खतरा बताते हुए प्लाज्मा थेरेपी पर असहमति जताई थी।
प्लाज्मा थेरेपी के शुरुआती नतीजे अच्छे- केजरीवाल
केजरीवाल ने यह घोषणा केंद्र सरकार के एक बयान के बाद की है। केंद्र ने कहा था कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी अभी प्रयोग के स्तर पर है। इससे मरीज की जान जाने का खतरा है। केजरीवाल ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना के एक मरीज की हालत गंभीर थी। लेकिन प्लाज्मा थेरेपी से इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गया और उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। उन्होंने कहा कि हम इसका क्लीनिकल ट्रायल नहीं रोकेंगे। हमें इस थेरेपी के शुरुआती नतीजे काफी अच्छे मिले हैं। हालांकि अभी इसका ट्रायल के आधार पर ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्लाज्मा के लिए ठीक हुए मरीजों से संपर्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कोविड-19 से स्वस्थ हो चुके 1,100 मरीजों से संपर्क कर रहे हैं ताकि उनके द्वारा प्लाज्मा दान किए जाने से जिंदगियां बचाई जा सकें। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हम दस लाख लोगों पर 2,300 कोविड टेस्ट कर रहे हैं।
कोटा से छात्रों काे लाने के लिए 40 बसें जाएंगी
कोटा में फंसे दिल्ली के छात्रों को वापस लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार 40 बसें भेज रही है। वापस आने के बाद सभी छात्रों को 14 दिनों तक सेल्फ-क्वेरेंटाइन में रहना होगा।