गुजरात के कच्छ जिले में स्थित गुजरात खनिज विकास निगम (जीएमडीसी) संचालित अकरीमोटा थर्मल पावर स्टेशन का परिचालन एवं रखरखाव कर रहे दक्षिण कोरिया सरकार के उपक्रम केईपीसीओ प्लांट सर्विस एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने तब विवाद उत्पन्न कर दिया जब उसके प्रबंधन ने कथित तौर पर हाल में एक जूनियर इंजीनियर को नोटिस जारी किया। इस नोटिस में अन्य अनुशासनात्मक मुद्दों के अलावा कंपनी ने उसे एक बार भारत माता की जय का नारा लगाने के लिए भी फटकार लगाई थी। जीएमडीसी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मामला जीएमडीसी प्रबंधन तक पहुंचा जिसने तत्काल अपने सभी संबद्ध कंपनियों को एक परिपत्र जारी कर कहा कि नारा राष्ट्रीय गौरव की बात है और कोई भी भारतीय इसे कहीं भी लगाने के लिए मुक्त है।
संयंत्र के महाप्रबंधक ए के गर्ग ने कहा, कंपनी दो महीने पहले आयोजित अपनी एक विभागीय बैठक में अपने सुरक्षात्मक उपायों की समीक्षा कर रही थी। कर्मचारी सुरक्षा संबंधी नारे लगा रहे थे। इसी दौरान दिलीप श्रीमाली नाम के एक कर्मचारी ने भारत माता की जय का नारा लगा दिया। भाषा की समस्या के चलते कोरियाई प्रबंधन नारा समझ नहीं पाया और उन्हें नोटिस जारी कर दिया। कर्मचारी ने प्रबंधन को नारे को समझाने का प्रयास किया लेकिन प्रबंधन ने 20 जुलाई को उन्हें नोटिस जारी कर दिया। कंपनी ने कहा कि कंपनी का मंच एेसे नारे लगाने के लिए उचित स्थान नहीं है। प्रबंधन ने कर्मचारी के साथ अन्य अनुशासनात्मक मुद्दे उठाए जिसमें उसके द्वारा मोबाइल फोन पर लगातार बात करना और संयंत्र में कार्य करने के दौरान सुरक्षा उपाय का पालन नहीं करना शामिल था।
गर्ग ने बतया कि कंपनी की कर्मचारी यूनियन ने जीएमडीसी प्रबंधन से संपर्क किया जिसने तत्काल एक परिपत्र जारी किया। गर्ग ने कहा, मामला हमारे समक्ष आने पर हमने तत्काल एक परिपत्रा जारी किया है जिसमें कहा है कि कोई भी भारत माता की जय का नारा लगा सकता है। आज यहां तक कि कंपनी प्रबंधन ने भी नारा लगाया और कहा कि वे भारत के प्रति देशभक्ति के उत्साह का सम्मान करते हैं।