बंगाली अखबार आनंदबाजार पत्रिका से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दादरी की घटना या पाकिस्तानी गायक के विरोध की घटना दुखद है, मगर इन घटनाओं में केंद्र सरकार की क्या भूमिका है? दादरी से लेकर सुधींद्र कुलकर्णी पर शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा कालिख पोतने की घटना पर भी प्रधानमंत्री खुलकर बोले। उन्होंने कहा, "पहले भी यह विवाद हुआ है। भाजपा ने हमेशा छद्म धर्मनिरपेक्षता का विरोध किया है। आज इन दुखद घटनाओं के जरिए फिर से वे विवाद उठा रहे हैं। भाजपा कभी भी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं करती।" दादरी कांड को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि इन घटनाओं के जरिए विपक्ष भाजपा पर सांप्रदायिकता का आरोप लगा रहा है लेकिन क्या विपक्ष खुद ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं कर रहा है?
प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, यदि मोदी दादरी की घटना से दुखी है तो जिन भाजपा नेताओं ने दादरी की घटना का अप्रत्यक्ष समर्थन किया है उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही क्यों नहीं करते?
जदयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने दादरी के बहाने विपक्ष पर ध्रुवीकरण की राजनीति के आराेप को नकारते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले मुजफ्फनगर में ध्रुवीकरण का फायदा किसे मिला? अब यूपी में पंचायत चुनाव हैं, अब दादरी की घटना को पटना भेजने की कोशिश की जा रही है।
यदि मोदी जी ग़ुलाम अली का विरोध और सुधीन्द्र कुलकर्णी पर कालिख पोतने को सही नहीं मानते हैं तो क्या शिव सेना से गठबन्धन तोड़ेंगे?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 14, 2015
सुधीन्द्र कुलकर्णी अटल जी के सलाहकार रहे अडवाणी जी के निकट हैं उनकी तुलना शिवसेना कसाब से कर रही है मोदी शिवसेना को कुछ ज्ञान देना चाहेंगे ?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 14, 2015