देश भर के किसान जंतर-मंतर पर जुटे रहे। इस दौरान आत्महत्या कर चुके महाराष्ट्र के किसानों के बच्चों ने अपनी पीड़ा एक नाटक के द्वारा प्रदर्शित किया। नाटक में बच्चों ने दिखाया कि एक किसान की आत्महत्या के बाद उसके परिवार पर क्या गुजरती है। बच्चों के इस प्रदर्शन ने लोगों को झकझोर कर रख दिया।
दरअसल, उन किसानों के बच्चे भी जंतर-मंतर पर जमा हुए जिन्होंने आत्महत्या कर ली थी। उन बच्चों ने अपनी वेदना एक लघु नाटक के माध्यम से बयान की। एक बच्चा अशोक पाटिल ने अपनी व्यथा प्रकट करते हुए कहा, "बहुत सारे नेता हमारे घर हमसे मिलने आये और हमसे बहुत सारे वादे करके गए, लेकिन हमें मिला क्या? सिर्फ अगले दिन के अखबार में नेताओं के साथ छपा एक फोटो। वो हमें मदद करने आये थे या सेल्फी लेने आये थे?"
उन अमीर लोगों का क्या...
तमिलनाडु से आयी एक किसान की पत्नी रानी, जिसके पति को बैंक अधिकारियों ने इतना अपमानित किया कि उसने आत्महत्या कर ली, ने बताया - "बैंक के अधिकारियों ने मेरे पति से पूछा कि तुम बैंक का लोन नहीं चुका पा रहे हो तो अपनी पत्नी के कपड़े कैसे ख़रीद रहे हो। क्यूं हमेशा गरीब को ही अपमानित होना पड़ता है?... और, उन अमीर लोगों का क्या जो करोड़ों रुपये लेकर देश से भाग जाते हैं?"
दिग्विजय भी हुए शामिल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस लीडर दिग्विजय सिंह भी किसान मुक्ति संसद में आये। दिग्विजय भी किसानों की इन दो मांगों से सहमत थे कि किसानो को ऋणमुक्त किया जाए तथा उनकी आय को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि यह समय अपनी पार्टी तथा राजनीति से ऊपर उठकर हमें किसानों के साथ न्याय के इस संघर्ष में साथ होना चाहिए।
किसान नेताओं के बोल-
किसान नेता एवं सांसद राजू शेट्टी ने आज लोकसभा में किसानों के मुद्दे को उठाया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल किया कि आपका स्वामीनाथन कमीशन के सुझावों को लागू करने का वादा झूठा था क्या? लोकसभा अध्यक्ष ने इनके माइक को बंद करवा दिया जिसके विरोध में राजू शेट्टी ने संसद से वाकआउट किया। राजू शेट्टी ने कहा - "मैं उस हाउस में मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकता जहाँ किसानों की आवाज को दबाया जा रहा हो।"
AIKSCC के संयोजक वीएम सिंह ने किसान मुक्ति यात्रा के अगले चरण की घोषणा करते हुए कहा - "हमलोग यहीं नहीं रुकने वाले हैं, हमलोग पूरे देश के किसानो को संगठित करेंगे। हमलोग चार और यात्राएं निकालेंगे जो कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा बिहार में निकाली जाएंगी। यह यात्रा दो अक्टूबर को फिर दिल्ली पहुंचेगी और सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हमलोग पूरे देश में अनिश्चितकालीन अनशन करेंगे।"
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने कहा - "यह आन्दोलन किसान आंदोलनों के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस आँदोलन ने अलग-अलग दल और विचारधारा के देश भर के किसान संगठनों के नेताओं को एक किया है। साथ ही, आज किसानों की युवा पीढ़ी भले ही किसानी छोड़ने पर मजबूर हो रही है, लेकिन वो किसानों की वेदना को भूली नहीं है। अब किसान निर्णायक संघर्ष करेगा।"