अखिल भारतीय क्षेत्रीय संपादक सम्मेलन में नड्डा ने कहा कि यह मेनका गांधी का अपना विचार है, मंत्रीमंडल का निर्णय नहीं है इसलिए वह इस पर कोई चर्चा करना नहीं चाहते हैं। गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कल सुझाव दिया था कि लिंग परीक्षण जांच पर रोक की बजाय इसे अनिवार्य कर देना चाहिए, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे की ठीक से मॉनिटरिंग हो सके। मेनका गांधी के इस सुझाव के साथ देश में इसपर बहस छिड़ गई। गौरतलब है कि देश में पहले से लड़कियों की संख्या कम है। पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में और बुरी हालत है। वर्ष 2001 से इसपर सख्ती होनी शुरू हुई। पीसीपीएनडीटी कानून बना। समय-समय पर इसमें संशोधन हुए। दोषी डॉक्टरों की धरपकड़ हुई लेकिन मेनका गांधी के इस सुझाव ने एक बहस को जन्म दे दिया।
नड्डा ने कहा कि देश में दस नए एम्स खोले जाएंगे और ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाएगा। जिला स्तर पर जहां मेडिकल कॉलेज की सुविधा नहीं है वहां मेडिकल कालेज खोले जाएंगे। एक अन्य सत्र में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्राी थावरचंद गहलोत ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों के कल्याण को प्राथमिकता दी है इसलिए विभिन्न स्तरों पर अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रावृति बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि मैला ढोने वालों के पुनर्वास के लिए त्वरित परिणाम सुनिश्चित करने के लिए भी उच्चतम स्तर पर नजर रखी जा रही है।