पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जैश-ए- मोहम्मद (जेईएम) के सरगना मसूद अजहर के भतीजे मोहम्मद उमर फारूक के पाकिस्तान के बैंक खाते में 10 लाख रुपए भेजे गए थे। पिछले साल फरवरी में हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 कर्मी शहीद हो गए थे। यह जानकारी एनआईए ने चार्जशीट में दी है।
अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में पता चला है कि फारूक के पाकिस्तान में अलायड बैंक और मेजान बैंक के तीन खातों में हमले से कुछ दिन पहले वहां की मुद्रा में 10 लाख रुपए जमा कराए गए। बता दें कि वह आत्मघाती हमले का मुख्य आरोपी था जो बाद में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। जैश ने जनवरी और फरवरी 2019 के बीच उसके खाते में पैसे जमा कराए थे।
एनआईए ने जम्मू में मंगलवार को विशेष अदालत के सामने दाखिल चार्जशीट में कहा कि आतंकवादियों ने विस्फोटकों और हमले में उयोग मारुति इको कार को खरीदने में लगभग छह लाख रुपए खर्च किए थे। उन्होंने कहा कि लगभग दो लाख 80 हजार रुपए का इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट समेत करीब 200 किलोग्राम विस्फोटकों की खरीदारी में की गई और आईईडी से लदी कार को श्रीनगर में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दिया गया।
एनआईए ने कहा कि शाकिर बशीर ने विस्फोटकों- आरडीएक्स, जिलेटिन की छड़ें, एल्युमिनियम पाउडर और कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट को कथित तौर पर इकट्ठा किया और उन्हें आईईडी बनाने के लिए अपने घर में जमा किया।
एजेंसी के अनुसार आतंकवादियों ने लगभग ढाई लाख रुपए कार खरीदने और उसमें बदलाव करने में खर्च किए जिसका उपयोग हमले में किया गया। कार को शाकिर बशीर के घर में पार्क किया गया। अधिकारियों के मुताबिक कुछ धन विभिन्न मदों में खर्च किए जिनमें आईईडी को रखे जाने वाले कंटेनरों की खरीदारी शामिल है।
एनआईए की जांच में सामने आया है कि फारूक के 3 बैंक खाते हैं जिनमें जनवरी से फरवरी 2019 तक रुपए भेजे गए। एजेंसी ने पिछले वर्ष हुए पुलवामा आतंकवादी हमले के सिलसिले में जम्मू की विशेष एनआईए कोर्ट के सामने 19 आरोपियों के खिलाफ 13,800 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।
एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है, ''जांच से पता चलता है कि पुलवामा हमला सुनियोजित आपराधिक साजिश थी जिसे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व ने रचा था। जैश के नेता अपने कैडर को प्रशिक्षण के लिए अफगानिस्तान में अल-कायदा- तालिबान- जेईएम और हक्कानी-जेईएम शिविरों में भेजते रहे हैं।''
एनआईए ने कहा कि मुख्य आरोपी उमर फारूक को विस्फोटकों के लिए अफगानिस्तान में ट्रेनिंग दी गई। फारूक पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर था। एनआईए ने कहा, ''आरोपी शाकिर बशीर, इंशा जान, पीर तारिक अहमद शाह और बिलाल अहमद कुचे ने सभी साजो-सामान मुहैया कराए और जेईएम के आतंकवादियों को अपने घरों में पनाह दी। बशीर ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा बलों की तैनाती और आवाजाही की कथित रूप से रेकी की।