आठ साल पहले पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए सिलसिलेवार बम धमाके में दोषी पाए गए नौ आरोपियों को आज एनआइए की विशेष अदालत ने सोमवार को सजा सुना दी है। एनआईए कोर्ट ने तीन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं दो आरोपियों को उम्रकैद और दो को 10 साल की सुनाई है। इसके अलावा एक आरोपी को सात साल की सजा सुनाई गई है।
इससे पहले इस मामले में एनआईए कोर्ट ने एक आरोपी फखरुद्दीन को रिहा कर दिया था। वहीं, बाकी सभी आरोपी दोषी करार दिए गए था। इस मामले में अब तक कोर्ट में 187 लोगों की सुनवाई हो चुकी है।
गांधी मैदान ब्लाीस्टस केस में बेऊर जेल में बंद 10 में से पांच आरोपियों को बोधगया ब्लास्ट मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में सभी पक्षों की गवाही के बाद एनआईए कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 27 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की थी। यह संयोग ही है कि कोर्ट ने गांधी ब्लालस्ट7 मामले में इंसाफ के लिए उसी तारीख को चुना जिस तारीख पर धमाके किए गए थे।
गौरतलब है कि गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट तब हुआ था, जब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में बीजेपी की हुंकार रैली को संबोधित करने के लिए पटना आए थे। इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 89 लोग घायल हुए थे। इस मामले की जांच एनआईए की टीम ने की है।
इस कांड का मुख्य आरोपी व साजिशकर्ता हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी समेत दस के खिलाफ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी। सभी आरोपितों को बेउर जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।