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शिवसैनिकों ने सुधींद्र कुलकर्णी पर कालिख पोती

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने आज मुंबई में पाकिस्‍तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की पुस्तक के विमोचन समारोह को लेकर काफी हंगामा किया। कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्था आॅब्जर्वर एंड रिसर्च फाउंडेशन के सुधींद्र कुलकर्णी पर कालिख पोत दी। इससे पहले मशहूर गजल गायक गुलाम अली का कंसर्ट भी शिवसेना के विरोध के चलते रद्द करना पड़ा था।
शिवसैनिकों ने सुधींद्र कुलकर्णी पर कालिख पोती

अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के करीबी रहे कुलकर्णी ने बताया कि आज सुबह जैसे ही वह घर से बाहर निकले तो कुछ शिवसैनिकों ने उनकी कार रोक ली। जब वह कार से बाहर निकले तो उन पर काला पेंट पोत दिया और उनके साथ गाली-गलौज की गई। इस हमले के बावजूद कुलकर्णी आज शाम कसूरी की पुस्‍तक के विमाेचन कार्यक्रम पर कायम हैं। उन्‍होंने कहा कि शिवसेना को इस तरह के प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं है। हमले के बावजूद पुस्तक विमोचन समारोह योजना के मुताबिक आज ही होगा। इस घटना के कुछ ही देर बाद काले पेंट से सने कुलकर्णी ने खुर्शीद महमूद कसूरी के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर हमले की कड़ी निंदा की। 

कसूरी ने कहा कि वह इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर बेहद दुखी हैं। हालांकि वह विरोध प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करते हैं लेकिन प्रदर्शन लोकतांत्रिक ढंग से होना चाहिए। कसूरी ने कहा कि करगिल युद्ध या 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों के समय वह मंत्री नहीं थे। उनके भारत दौरे का मकसद उनके कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया के बारे में बात करना है। थिंक टैंक आॅब्जर्वर एंड रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी ने कल रात को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके आवास मातोश्री पर मुलाकात की थी। एेसा माना जाता है कि यह बैठक विफल रही और कुलकर्णी शिवसेना से कोई आश्वासन मिले बिना मातोश्री से निकले थे।

कसूरी की पुस्तक नाइदर ए हाॅक नाॅर ए डव: एन इनसाइडर्स अकाउंट आॅफ पाकिस्तान्स फाॅरेन पाॅलिसी का विमोचन हाल ही में दिल्ली में किया गया था। आज शाम इसका मुंबई में विमोचन होना है। शिवसेना ने कार्यक्रम का विरोध करते हुए इसे बाधित करने की धमकी दी थी। 

नहीं चाहिए देसी तालिबान: दिग्विजय सिंह  

सुधींद्र कुलकर्णी पर हुए हमले की विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की है। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारत में इस तरह की असहिष्‍णुता को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। पहले गुलाम अली का प्रोग्राम और अब कसूरी की किताब का विमाेचन, हमें भारत में देसी तालिबान नहीं चाहिए। उद्धव ठाकर को अपने गुंडों को काबू में रखना चाहिए।

आडवाणी ने की निंदा  

शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा सुधींद्र कुलकर्णी पर कालिख पोतने की निंदा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने किसी भी विपरीत नजरिए के प्रति देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता जाहिर की। आडवाणी ने कहा, जिसने भी यह किया है, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं। पिछले कुछ दिनों में एेसे संकेत मिल रहे हैं...कि जब आपको कोई व्यक्ति या कोई विचार स्वीकार्य नहीं होता तो आप हिंसा पर उतारू हो जाते हैं या उनके प्रति असहिष्णु हो जाते हैं। यह देश के लिए चिंता का विषय है। लोकतंत्र को अलग नजरिए के प्रति सहिष्णुता सुनिश्चित करनी चाहिए। 

शिवसैनिकों के समर्थन में आए संजय राउत 

उधर, पार्टी कार्यकर्ताओं के इस कदम का बचाव करते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा, स्याही मलना लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन का बहुत नरम तरीका है। वे स्याही को लेकर बहुत नाराज हैं। जरा सोचिए कि जब हमारे सैनिक मारे जाते हैं और उनका खून बहता है। राउत ने कहा, कोई भी यह पहले से नहीं बता सकता कि जनता का गुस्सा किस तरह से फूटेगा। हमारी कसूरी से या किसी अन्य से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। 

 

 

 

 

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