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नर्मदा बचाओ आंदोलन के समर्थन में स्वराज इंडिया का जंतर-मंतर पर एक-दिवसीय उपवास

स्वराज इंडिया का कहना है कि समय-समय पर डूबने की स्थिति से प्रभावित लोगों को विस्थापितों की सूची से बाहर करते हुए सरकार के आंकड़े बदलते गए। यदि उन आंकड़ों को भी देखें तो उसके अनुसार भी हजारों पात्र परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के समर्थन में स्वराज इंडिया का जंतर-मंतर पर एक-दिवसीय उपवास

नर्मदा घाटी के विस्थापितों के लिए नर्मदा बचाओ आंदोलन को स्वराज इंडिया ने समर्थन दिया है। आज सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर पार्टी अध्यक्ष योगेंद्र यादव के साथ स्वराज इंडिया के वॉलंटियर्स ने एक-दिवसीय सांकेतिक उपवास रखा। मेधा पाटकर के नेतृत्व में कई आंदोलनकारी नर्मदा घाटी में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। जंतर मंतर पर हुआ उपवास उन्हीं के समर्थन में रखा गया। दिन भर चले कार्यक्रम का समापन शाम को कैंडल मार्च से होना था, लेकिन भारी बारिश के कारण कैंडल मार्च नहीं किया गया।

स्वराज इंडिया के मुताबिक, नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध की वजह से मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के 244 गांव और 1 शहर डूबने की स्थिति में आ रहे हैं। इन गांवों में 40,000 परिवार और लाखों की आबादी, मवेशी, मंदिर-मस्जिद, खेत-खलिहान तथा लाखों पेड़ हैं। नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 122 मीटर से बढाकर 138.62 मीटर कर दरवाजे बंद करने का निर्णय लिया है, इससे इन लोगों के डूबने का खतरा बढ़ गया है।

स्वराज इंडिया का कहना है कि समय-समय पर डूबने की स्थिति से प्रभावित लोगों को विस्थापितों की सूची से बाहर करते हुए सरकार के आंकड़े बदलते गए। यदि उन आंकड़ों को भी देखें तो उसके अनुसार भी हजारों पात्र परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण तथा शिकायत निवारण प्राधिकरण में हजारों परिवारों के आवेदन लंबित हैं जो मुआवजा तथा घर प्लॉट के पात्र हैं परन्तु इसके बावजूद भी नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने सरदार सरोवर के दरवाजे बंद करने का आदेश दे दिया।

इसी मामले में दायर याचिका की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हुई। 8 अगस्त को याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख़ मुकर्रर की गई है।

पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने बताया, 'उपवास कर रहे स्वराज इंडिया के साथियों ने समर्थन-स्वरूप बसंती रंग के एक कपड़े के थान पर नीले रंग से अपने हाथ का निशान लगाया है। ये नीला रंग नर्मदा का प्रतीक है और बसंती रंग स्वराज इंडिया की प्रतिबद्धता का प्रतीक। उपवास पर बैठे साथियों के समर्थन-प्रतीक इस बसंती थान को नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधियों को भेंट किया गया जाएगा।'

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने नर्मदा बचाओ आंदोलन को देश के हर आंदोलनकारी के लिए मानक बताया। उन्होंने कहा, 'यह लड़ाई सिर्फ नर्मदा घाटी के विस्थापितों के लिए नहीं, मानवता के लिए है।' योगेंद्र यादव ने बताया, 'स्वराज इंडिया की वैकल्पिक राजनीति का मतलब ही है अन्याय के खिलाफ बिना नफा नुकसान और वोटबैंक देखे मजबूती से खड़ा होना। जहां एक तरफ देश की पार्टियां छिछली राजनीति में व्यस्त हैं, वहीं आज जंतर मंतर पर इस कार्यक्रम के जरिये स्वराज इंडिया ने गहरी राजनीति का परिचय दिया है।'

पटियाला से लोकसभा सांसद धर्मवीर गांधी, किसान संघर्ष समिति के डॉ. सुनीलम, राज्य सभा सांसद अली अनवर, लोकसभा सांसद राजू शेट्टी, नर्मदा आंदोलन से जुड़े गांधीवादी विमल भाई, नर्मदा बचाओ आंदोलन के मधुरेश, जन वैज्ञानिक सौम्या दत्ता, नर्मदा बचाओ आंदोलन के जो अथियाली, तिमारपुर विधायक पंकज पुष्कर, जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वयक से भूपेंद्र सिंह रावत, अखिल भारतीय मछुवारे संघ से एलौंग वेन, अखिल भारतीय बैंककर्मी संघ से थॉमस फ्रैंको, खुदाई खिदमतगार से फैजल खान और ग्रीनपीस से प्रिया पिल्लई के अलावा कई राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी।

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