दिल्ली में राज्यसभा की तीन सीटें खाली हुई हैं। इन तीन सीटों के लिए जनवरी में चुनाव होना है। आम आदमी पार्टी के विधायकों की संख्या बल को देखते हुए इसी पार्टी के तीनों राज्यसभा सांसद बनेंगे लेकिन पार्टी से तीन दावेदार कौन हैं, इसको लेकर अभी तस्वीर स्पष्ट नहीं हुई हैं। आम आदमी पार्टी में तरह-तरह की अटकलें लग रहीं हैं।
इस बीच दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने दो ट्वीट कर अटकलों को और हवा दी है। उन्होंने बताया है कि आम आदमी पार्टी से राज्यसभा जाने वालों में इमरान प्रतापगढ़ी रेस में आगे चल रहे हैं। जबकि स्वाति मालीवाल और संजय सिंह पहले इस लिस्ट में जरूर थे लेकिन केजरीवाल ने उनके नाम पर कैंची चला दी है।
AAP approaching Munjal for RS
(सिर्फ दो नामों पर पूरी पार्टी एकजुट थी, दोनो नाम केजरीवाल ने काट दिये - संजय सिंह और स्वाति मालीवाल)
In the race - Imran Pratapgarhi, Sushil Gupta, Meera Sanyal,
Sinha, Shorie not interested in AAP ticket.
One last minute shock awaits all.
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) December 27, 2017
कुछ लोग जहां इस ट्वीट को शिगूफा मानकर चल रहे हैं, वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि ट्वीट में काफी कुछ सच्चाई है। सोशल मीडिया पर भी ऐसी चर्चा है। सियासी हलकों में कपिल मिश्रा के ट्वीट के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान प्रतापगढ़ी का कहना है कि अभी उनके पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया है लेकिन अगर प्रस्ताव आता है तो वह इस पर विचार करेंगे।
हाल में जिस तरह से केजरीवाल से कुमार विश्वास की दूरियां बढ़ी हैं, उससे माना जा रहा है कि विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी को एक सेलिब्रेटी चेहरे की तलाश है। यह भी कहा जा रहा हैं कि केजरीवाल भविष्य की राजनीति और बेहतर करने के लिए यूपी में युवा मुस्लिमों के यूथ आइकॉन बन चुके इमरान प्रतापगढ़ी को धीरे-धीरे अपने करीब ला रहे हैं। पिछले कुछ दिनों कई बार इमरान की केजरीवाल से मुलाकातें भी हो चुकी हैं।
कौन हैं इमरान प्रतापगढ़ी?
6 अगस्त, 1987 को जन्मे इमरान यूपी के प्रतापगढ़ जिले के हैं। उनका पूरा नाम मोहम्मद इमरान खान है। अपने जिले प्रतापगढ़ के नाम को वह तखल्लुस की तरह इस्तेमाल करते हैं। एक दौर में जिस तरह कुमार विश्वास कवि सम्मेलनों से उभरे थे, उसी तरह इमरान प्रतापगढ़ी ने भी मुशायरों से अपनी पहचान बनायी। हालांकि उनकी शायरी में कौम-मजहब और राजनीति की बातें ज्यादा होती हैं। मुस्लिम युवाओं में उनकी अच्छी-खासी पैठ है और वह काफी लोकप्रिय भी हैं। यू-ट्यूब से लेकर फेसबुक पर उनके नाम पर कई फैन पेज हैं। उनकी बातें काफी शेयर की जाती हैं।
इमरान ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिंदी की पढ़ाई की है। हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में उनकी अच्छी पकड़ है। उनके पिता मोहम्मद इलयास खान पेशे से डॉक्टर हैं। इमरान ने पांचवीं क्लास से शेरो-शायरी, कविता लिखनी शुरू कर दी थी। उन्होंने देश के अलावा विदेशों के मुशायरों में भी शिरकत की है।
मदरसा, फिलिस्तीन, हम मुसलमान हैं जैसी उनकी नज़्में काफी चर्चित रही हैं। वह मुसलमानों की तालीम की वकालत करते हैं, साथ ही मुसलमानों के हक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखते हैं। वह राजनीतिक मंचों पर भी नजर आते रहे हैं। अपने विवादित बयानों के लिए 'मशहूर' अकबरुद्दीन ओवैसी की इमरान ने कई बार मंचों से तारीफ भी की है। उन्होंने एक दौर में अन्ना हजारे के विरोध में भी नज़्में पढ़ी थीं।
क्यों चल रही हैं इमरान के नाम की अटकलें
आम आदमी पार्टी की एक लॉबी कुमार विश्वास को नापंसद करती है। कुमार विश्वास भी अपनी सियासी महत्वाकांक्षाओं का खुल कर इजहार कर चुके हैं। वह राज्य सभा जाना चाहते हैं। पिछले दिनों पार्टी के स्थापना दिवस पर उन्होंने पार्टी की आलोचना करते हुए तीखा भाषण भी दिया था इसीलिए कुमार विश्वास को काउंटर करने के तौर पर इमरान प्रतापगढ़ी का नाम चल रहा है। कुमार विश्वास और इमरान प्रतापगढ़ी कई बार कवि सम्मेलन में मंच भी साझा कर चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के मुस्लिम हलकों में इमरान के शोहरत को देखते हुए इसका राजनैतिक लाभ आम आदमी पार्टी को मिल सकता है। अगर इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा में पार्टी भेजती है तो मुस्लिमों में पार्टी को लेकर एक अच्छी धारणा बनेगी, इससे वोटबैंक का लाभ मिलेगा, वहीं पार्टी की रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए सेलिब्रेटी चेहरा भी मिल जाएगा।