किसान क्रांति पदयात्रा को लेकर सियासत तेज हो गई है। भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में किसान दिल्ली में दाखिल होने की जद्दोजहद कर रहे हैं। वहीं सरकार उन्हें किसी हालत में रोकने के लिए प्रयास कर रही है। दिल्ली की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। जगह-जगह नाकेबंदी की गई है। कई इलाक़ों में धारा 144 लगा दी गई है। किसानों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने वाटर कैनन के साथ साथ आंसू गैस के गोले छोड़े हैं लेकिन किसान पीछे हटने को तैयार नहीं।
इस बीच भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि हमें यहां क्यों रोक दिया गया है (यूपी-दिल्ली सीमा पर)? रैली एक अनुशासित तरीके से आगे बढ़ रही थी। अगर हम अपनी सरकार को हमारी समस्याओं के बारे में नहीं बता सकते तो हम किससे कहेंगे? क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश जाए?
किसानों के समर्थन में अखिलेश
किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में अब उतरी समाजवादी पार्टी भी उतर आई है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसानों के प्रदर्शन को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने किसानों को किए गए वादे को पूरा नहीं किया है, इसलिए यह स्वाभाविक है कि किसान विरोध करेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और हम किसानों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।
किसानों को दिल्ली प्रवेश की अनुमति नहीं देना गलत: केजरीवाल
आम आजमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत क्यों नहीं है? ये गलत है। हम किसानों के साथ हैं।
क्यों दिल्ली घेरना चाहते हैं किसान?
कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम करने जैसी मांगों को लेकर किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से शुरू हुई थी। जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार को गाजियाबाद तक पहुंच गए। जहां इन किसानों को रोक दिया गया। इन किसानों की योजना गांधी जयंती के मौके पर राजघाट से संसद तक मार्च करने की है। लेकिन दिल्ली पुलिस की ओर से उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को सील कर दिया गया है। यूपी पुलिस और दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है।