केंद्र सरकार के सबसे बड़े न्यायिक अधिकारी अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ के सामने कहा, तीन तलाक खत्म हुआ तो केंद्र सरकार नया कानून लाएगी।रोहतगी को केंद्र का यह पक्ष तब सामने रखना पड़ा जब कोर्ट ने यह पूछा कि यदि तीन तलाक को खत्म कर दिया गया तो मुस्लिम पुरूषों के सामने शादी से बाहर आने का क्या विकल्प रहेगा।
इससे पहले आज सुनवाई शुरू होने के बाद केंद्र सरकार ने पीठ के सामने इस बात पर जोर दिया कि उसे तीन तलाक के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय पर प्रचलित बहु विवाह और निकाह हलाला जैसी प्रथाओं पर भी विचार करना चाहिए। इसपर पीठ ने कहा कि भविष्य में इन मुद्दों पर न्यायिक निर्णय का विकल्प खुला हुआ है। पीठ में न्यायमूर्ति खेहर के अलावा न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ, आर.एफ. नरीमन, यू.यू. ललित और अब्दुल नजीर शामिल हैं। गर्मियों की छुट्टियों में यह संविधान पीठ विशेष रूप से दैनिक आधार पर तीन तलाक की वैधता पर सुनवाई कर रही है।
पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए जितना सीमित समय उपलब्ध है उसमें तीनों मुद्दों पर विचार करना संभव नहीं है इसलिए बाकी मुद्दों को भविष्य के लिए लंबित रखा जाए। रोहतगी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ के जिस फैसले के आधार पर संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है उस फैसले में तीन तलाक के साथ बहुविवाह और निकाह हलाला भी एक हिस्सा हैं। ऐसे में इस कोर्ट को तीनों मामलों पर सुनवाई करनी चाहिए। अटार्नी जनरल ने कहा कि संविधान पीठ को साफ करना चाहिए कि बाकी के दोनों मुद्दे अभी विचार के लिए खुले हैं और उनपर भविष्य में दूसरी पीठ विचार करेगी। इसपर अदालत ने साफ कहा, ‘इन मुद्दों पर भविष्य में विचार किया जाएगा।’ (एजेंसी)