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प्रधानमंत्री बताएं तो सही मेरा कसूर क्‍या है: कीर्ति आजाद

पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण भाजपा से निलंबित कीर्ति आजाद ने डीडीसीए मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्‍तक्षेप की मांग करते हुए पार्टी से उनके निलबंन की वजह बताने को कहा है।
प्रधानमंत्री बताएं तो सही मेरा कसूर क्‍या है: कीर्ति आजाद

भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने डीडीसीए मामले में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली पर सार्वजनिक रूप से निशाना साधने के लिए कीर्ति आजाद को निलंबित कर दिया था। आजाद को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनके पार्टी विरोधी व्यवहार की वजह बताने को कहा गया है। बिहार के दरभंगा से भाजपा के सांसद आजाद का कहना है कि उनकी लड़ाई दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार के खिलाफ है, न कि किसी व्यक्ति के खिलाफ। अहमदाबाद में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्‍होंने कहा,  प्रधानमंत्री मोदी पर मुझे पूरा विश्‍वास है। मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री मेरे आग्रह को सुनेंगे और न्याय करेंगे। मैं मार्गदर्शक मंडल से भी कहूंगा कि वह आगे आए और इस मामले को देखे।

आजाद को निलंबित करते हुए उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और पार्टी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस व आप के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया गया है। अपने निलंबन पर सवाल उठाते हुए उन्‍होंने कहा कि डीडीसीए विवाद का पार्टी से क्‍या लेनादेना? क्‍या यह पार्टी का आंतरिक मामला है? डीडीसीए में भ्रष्‍टाचार का मुद्दा वह पिछले 9 साल से उठते रहे हैं और उन्‍होंने इसे कभी पार्टी का मुद्दा नहीं बनाया। 

सुब्रमण्‍यम स्‍वामी करेंगे कीर्ति आजाद की मदद 

कीर्ति आजाद ने यह कहकर सियासी हलचल बढ़ा दी है कि पार्टी से उनके निलंबन का जवाब तैयार करने में भाजपा नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी उनकी मदद करेंगे। कीर्ति आजाद ने बताया कि उन्‍हें भाजपा से निलंबन का नोटिस मिल गया है। इतना ही नहीं आजाद का बचाव करते हुए सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने भी कहा है कि पार्टी को कीर्ति आजाद जैसे ईमानदार नेता को खोना नहीं चाहिए। 

नोटिस में निलंबन की वजह स्‍पष्‍ट नहीं

कीर्ति आजाद ने कहा है कि उन्‍हें मिले कारण बताओ नोटिस में उनके निलंबन की वजह स्‍पष्‍ट नहीं की है कि वह पार्टी विरोध गतिविधियों में कब और कहां लिप्‍त थे। आखिर उनका कसूर क्‍या है? निलंबन की सही वजह पता चलने के बाद ही वह सही तरीके से जवाब दे पाएंगे। आजाद का दावा है कि डीडीसीए के खिलाफ भ्रष्‍टाचार की लड़ाई उन्‍होंने पार्टी के बाहर लड़ी है। तो क्‍या उन्‍हें खिलाफ भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजा दी गई है? डीडीसीए मामले में जल्‍द ही वह एक जनहित याचिका भी दायर करेंगे। 

 

 

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