पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वाले हरिप्रसाद एसवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,“चोकसी ने भारत से जो धन लूटा है, उसे वापस लाया जाना चाहिए और जिन लोगों से उसने धोखाधड़ी की है, उन्हें उनका पैसा वापस मिलना चाहिए।”
हरिप्रसाद ने कहा “वह कानून के शिकंजे से भागने की कोशिश करता रहेगा। सिर्फ उसकी गिरफ्तारी पर्याप्त नहीं है, बल्कि जो धन उसने भारत से लूटा है, उसकी वसूली और लोगों को मुआवज़ा मिलना ज़रूरी है।”
हरिप्रसाद ने खुलासा किया कि कम से कम 100 लोगों को चोकसी ने धोखा दिया, और वे स्वयं भी उनमें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने समय पर संबंधित एजेंसियों को सबूतों के साथ जानकारी दी थी, लेकिन फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा, “बहुत सारे सबूत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, और मुझे आज तक नहीं पता कि कार्रवाई क्यों नहीं हुई।”
चोकसी की गिरफ्तारी भारतीय जांच एजेंसियों सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर हुई। चोकसी पर 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी ऋण घोटाले में शामिल होने का आरोप है। यह मामला 2018 में सामने आया था, जब पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा के अधिकारियों ने मार्च-अप्रैल 2017 के दौरान 165 सेएलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) और 58 एफएलसी (फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट) को ग़लत तरीके से जारी कर करोड़ों की धोखाधड़ी की गई थी।
सीबीआई और ईडी ने चोकसी, उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स, नीरव मोदी, उनके परिवार, बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच के मुताबिक, इन लोगों ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से बिना किसी स्वीकृत सीमा या नकद मार्जिन के एलओयू और एफएलसी जारी कराए और इन्हें पीएनबी की केंद्रीय बैंकिंग प्रणाली में दर्ज भी नहीं किया, ताकि कोई रिकॉर्ड न रहे और डिफॉल्ट के मामले में किसी भी जांच से बचा जा सके।
सीबीआई ने अब तक इस घोटाले में चोकसी के खिलाफ दो आरोपपत्र दायर किए हैं, जबकि ईडी ने तीन अभियोजन शिकायतें दर्ज की हैं। चोकसी के भांजे नीरव मोदी को भी 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल वहां जेल में है, जहां वह भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। चोकसी, जो 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था, हाल ही में स्वास्थ्य कारणों के चलते बेल्जियम गया था। वहीं से अब उसे गिरफ्तार किया गया है। भारत सरकार को अब उम्मीद है कि उसे प्रत्यर्पण प्रक्रिया के तहत भारत लाया जा सकेगा।