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मैगज़ीन डिटेल

आवरण कथा/अमेरिकी टैरिफः तबाही की ट्रम्पगीरी

पूरी दुनिया में अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ ऐलान से हड़कंप, शेयर बाजार रक्तरंजित, महा मंदी पसरने के आसार तेज हुए

पंजाब-हरियाणाः कानून नहीं बुलडोजर इंसाफ

नशे पर कथित प्रहार बना नया सियासी हथियार, पंजाब में धड़ल्ले से बिना सुनवाई बुलडोजर से माफिया उजाड़ अभियान, तो हरियाणा में कुर्की-जब्ती

आवरण कथा/ट्रम्पगीरी: शुल्क से बनती नई सत्ताएं

ट्रम्प का दूसरे देशों को संदेश, मुफ्तखोरी का दौर अब खत्म हुआ

आवरण कथा/नजरियाः रूस-अमेरिका का नया समीकरण

ऐसा लगता है कि डोनाल्ड ट्रम्प रूस के साथ चल रहे युद्ध का अंत यूक्रेन के पक्ष में होता नहीं देख रहे, इसीलिए वे रूस से नए समीकरण साधने में जुटे

आवरण कथा/ट्रम्पगीरीः ‘अमेरिकी मूल्य’ स्वाहा!

दूसरे विश्व युद्ध के बाद से लोकतंत्र के नाम पर जारी अमेरिकी पाखंड को ट्रम्प ने तोड़ने का काम किया

आवरण कथा/अमेरिकी टैरिफः भारतीय कृषि पर टैरिफ का साया

अब तक अमेरिका में आयात शुल्क 10 प्रतिशत होने की वजह से भारत को अमेरिका में बासमती चावल के निर्यात में वरीयता मिलती थी

क्रिकेटः टाइगर का अपमान!

टाइगर पटौदी के नाम चली आ रही ट्रॉफी को रिटायर करने की योजना पर बीसीसीआइ मौन

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की खबरें

फिल्मः अभिव्यक्ति पर पहरा

कट्टर हिंदुत्व ताकतों के हमले से फिल्म में कई कट लगाने को मजबूर होना पड़ा

परिसीमन/नजरियाः इससे तो ढहेगा संघीय ताना-बाना

सवाल है कि परिसीमन कैसे होना चाहिए, क्या प्रगति की कीमत पर जनसंख्या वृद्धि को पुरस्कृत करना चाहिए?

नया वक्फ कानूनः मामला महज जमीनी या...

वक्फ विधेयक संसद में पारित होने के बाद सीएए जैसे विरोध प्रदर्शनों की आशंका, सियासी हलचल तेज

रंगभेद: गहरे पैठा भेदभाव

केरल की मुख्य सचिव सारदा मुरलीधरन के फेसबुक पोस्ट ने काली-गोरी चमड़ी पर नई बहस देश में जाति-व्यावस्था के पूर्वाग्रहों की गांठें खोलीं

आयकरः पुरानी या नई चुनें?

केंद्रीय बजट 2025 में आयकर में कई बदलावों के साथ नई कर व्यवस्था की राह आसान, लेकिन क्यों चुनें और क्यों नहीं

व्यंग्य और मानहानिः हंसो, हंसाओ, भुगतो

स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के तंज से नाराजगी अब दनादन मानहानि, मुकदमे में फूटी

नेपाल: लोकतंत्र पर हमला

राजतंत्र की वापसी को लेकर हो रहे प्रदर्शनों से माहौल अस्थिर

पत्र संपादक के नाम

पाठको की चिट्ठियां

प्रथम दृष्टिः खूबसूरती का पैमाना क्या?

जिस समाज में व्यापक स्तर पर आज भी गोरी त्वचा को सुंदरता का पैमाना माना जाता हो, वहां काले या सांवले रंग वालों के प्रति भेदभाव और पूर्वाग्रह की जड़ें अभी हिली नहीं हैं। सारदा मुरलीधन के प्रकरण ने इस बहस को फिर खड़ा कर दिया है

स्मृतिः भारतीय सिनेमा का भारत

मनोज कुमार केवल एक अभिनेता नहीं थे, वे एक विचारधारा थे

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