शनिवार को मुंबई में एलफिंस्टन ब्रिज पर 23 लोगों की मौत के बाद रेल मंत्रालय हरकत में आया है। रेलवे प्रशासन अब खतरनाक हो चुके रेलवे के फुटओवर ब्रिज को सुधारने का काम शुरू करेगा। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भीड़भाड़ वाले सभी स्टेशनों पर एस्केलेटर्स लगाने का एेलान किया गया है।
आज रेलवे के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक में रेलवे स्टेशनों पर बने खतरनाक फुटओवर ब्रिज को जल्द से जल्द दुरुस्त करने का प्लान तैयार किया गया है। वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने घटना को बेहद दुखद बताते हुए रेलवे के सभी कर्मचारियों से दशहरा ना मनाने की अपील भी की।
उन्होंने कहा कि यह कोई बहाना नहीं है लेकिन रेलवे की समस्याएं एक या दो साल की नहीं हैं बल्कि 2014 में हमें विरासत में मिली हैं।
Not an excuse but problems in Indian Rail aren't 1-2 yr old, they accumulated over yrs & were given to us in '14 as inheritance-Piyush Goyal pic.twitter.com/8nkKKVyyZm
— ANI (@ANI) September 30, 2017
बैठक के फैसलों की अहम बातें ये हैं कि रेलवे स्टेशन पर अब फुटओवर ब्रिज बनाना अनिवार्य होगा, सिर्फ सुविधाओं के लिए नहीं बनाना है।
लाल फीताशाही को खत्म करने और समय बचाने के लिए, सुरक्षा के लिहाज से जरूरी कदम उठाने के अधिकार रेलवे के जीएम को दिए गए।
मुम्बई सबअर्बन के भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर अतिरिक्त एस्केलेटर्स लगाए जाएंगे।
रेलवे के 200 अधिकारियों को हेडक्वार्टर से निकालकर फील्ड पर भेजा जाएगा जिससे प्रोजेक्ट कार्यान्वयन और ग्राउंड आपरेशन में तेजी आए।
बता दें कि शनिवार सुबह 9.30 बजे परेल-एलफिंस्टन ब्रिज पर मची भगदड़ में 22 लोगों की मौत हो गई और घायलों को परेल के केईएम अस्पताल में पहुंचाया गया। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने रेल मंत्रालय द्वारा घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
ऐसी घटनाएं भविष्य में न हो इसलिए रेल मंत्रालय ने सभी पुलों की जांच का आदेश दिया। रेल मंत्री पीयूष गोयल कल मुंबई में ही थे और उन्होंने घायलों के परिवार वालों के लिए 5 लाख रुपये की मुआवजा राशि का एलान किया। एलफिंस्टन ब्रिज हादसे में भी रेलवे प्रशासन ने हर बार की तरह अपनी गलती मानने की बजाए बारिश को जिम्मेदार बताया पर ये जगजाहिर सच है कि रेलवे पुलों में से कई जर्जर हो चुके हैं और इनकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है।
तीन साल से हो रही थी पुल को चौड़ा करने की मांग
एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन का फुटओवर ब्रिज भीड़ के लिहाज से कम चौड़ा था, जिसे चौड़ा करने की मांग तीन साल से हो रही थी। इसी महीने की 16-17 तारीख को ओवरब्रिज की चौड़ाई 6 मीटर से बढ़ाकर 12 मीटर करने को मंजूरी भी मिल गई थी यानी हादसे के दिन ही इसकी टेंडर प्रक्रिया भी शुरु हो गई थी लेकिन सरकार की धीमी रफ्तार ने 23 लोगों की जान ले ली। इस घटना में 39 लोग घायल हुए।