Advertisement

उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के पास जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का साहस नहीं

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने दावा किया है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी...
उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के पास जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का साहस नहीं

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने दावा किया है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का साहस नहीं है और यदि संसदीय चुनाव कराना अनिवार्य नहीं होता, तो ये चुनाव भी नहीं कराए जाते।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने) उच्चतम न्यायालय में कहा कि शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव होंगे, लेकिन इस बारे में कोई अधिसूचना नहीं है। करगिल (एलएएचडीसी-करगिल) चुनावों में सामने आने वाली चुनौतियां पूरे जम्मू-कश्मीर में और बढ़ेंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आखिरी बार विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। हम पांच साल से राज्यपाल शासन के अधीन हैं। वर्ष 2019 के बाद महत्वपूर्ण सुधारों के दावे किए गए हैं। यदि ऐसा है, तो चुनाव में देरी क्यों?’’

अब्दुल्ला ने दावा किया कि मतदाताओं का सामना करने को लेकर डर के कारण भाजपा चुनाव नहीं करना चाहती और वह सार्वजनिक रूप से दिखाती है कि उसमें आत्मविश्वास है, लेकिन उसके नेताओं में स्पष्ट रूप से डर व्याप्त है।

उन्होंने बृहस्पतिवार की शाम को पुंछ जिले में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे जनता की भावना से भलीभांति परिचित हैं। संसदीय चुनाव कराना उनके लिए अनिवार्यता है। अगर उनके लिए बाध्यता नहीं होती तो वे संसदीय चुनाव भी कतई नहीं कराते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे लोगों का सामना करने से कतराते हैं। संसदीय चुनाव से पहले कोई पंचायत, बीडीसी (ब्लॉक विकास परिषद), डीडीसी (जिला विकास परिषद), शहरी स्थानीय निकाय या विधानसभा चुनाव नहीं होंगे।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘एलएएचडीसी (लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद)-करगिल चुनाव के नतीजों ने उनकी आशंकाओं को सही साबित कर दिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने 26 में से 22 सीटें हासिल कीं। यहां तक कि चुनाव में जीतने वाले दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी हमें अपना समर्थन दिया।’’

अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के दिहाड़ी मजदूरों को आश्वासन दिया कि चुनाव अपरिहार्य हैं और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सत्ता में आने पर उनकी सेवाओं को नियमित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘आश्वस्त रहें, चुनाव देर-सवेर होंगे ही। एक बार जब नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनेगी, तो हम दिहाड़ी मजदूरों को नियमित करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।’’

अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि जम्मू के सांसद ने लोगों के कल्याण को कभी प्राथमिकता नहीं दी।

उन्होंने कहा, ‘‘अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार का सावधानीपूर्वक चयन करें। मैं इस संसदीय सीट के 16 से 17 विधानसभा क्षेत्रों में हर वर्ग से जुड़ूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि हर किसी की आवाज सुनी जाए।’’

उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ मैं विचार-विमर्श के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को उम्मीदवारों की सिफारिश करूंगा। चुने गए उम्मीदवार को आप सभी का पूरा समर्थन मिलेगा।’’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad