पहलगाम हमले से पूरा देश शौक में है। इस हमले में 26 लोगों की चाल चली गई, इससे हर कोई स्तब्ध है। लेकिन राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर पीड़ित परिवार को ठेस पहुंचा रही हैं। दरअसल, महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता विजय वडेट्टीवार के एक बयान ने तीखा विवाद खड़ा कर दिया। वडेट्टीवार ने कहा कि आतंकवादियों के पास इतना समय नहीं होता कि वे लोगों से उनका धर्म पूछकर मरेगा। इस बयान पर हमले में मारे गए संतोष जगदाले की पत्नी प्रगति जगदाले ने कड़ा विरोध जताया है।
प्रगति जगदाले ने गुस्से और दर्द भरे लहजे में कहा, "मेरे पति संतोष और अन्य लोगों को आतंकियों ने धर्म पूछकर ही निशाना बनाया। यह सच है, और इसे झुठलाना हमारे दुख को और गहरा करता है। विजय वडेट्टीवार जैसे नेताओं को ऐसी बातें कहने से पहले पीड़ितों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए।" प्रगति ने बताया कि आतंकियों ने उनके पति संतोष जगदाले और अन्य लोगों से पहले उनकी धार्मिक पहचान पूछी और फिर बेरहमी से गोली मार दी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वडेट्टीवार के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "वडेट्टीवार का बयान अत्यंत असंवेदनशील और मूर्खतापूर्ण है। पीड़ितों के परिजनों ने जो कुछ अपनी आंखों से देखा, उसे झुठलाना उनके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। ऐसे बयान देने वाले हमारे दुश्मनों को बढ़ावा देते हैं।" फडणवीस ने यह भी कहा कि पीड़ितों के परिजन वडेट्टीवार को कभी माफ नहीं करेंगे।
वहीं कांग्रेस आलाकमान ने अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि वे पहलगाम हमले पर पार्टी की आधिकारिक लाइन से हटकर कोई बयान न दें। इस घटना ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। प्रगति जगदाले जैसे पीड़ितों की आवाज ने यह स्पष्ट कर दिया कि संवेदनशील मुद्दों पर नेताओं को सावधानी से बोलना चाहिए, ताकि पीड़ितों के जख्मों पर नमक न छिड़के। पहलगाम हमले के तुरंत बाद वहां मौजूद लोगों ने जो कुछ अपनी आंखों से देखा था वह बताया था, अब इस पर लगातार बयानबाजी जारी है।