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भारत की चेतावनी से घबराया पाकिस्तान: नौसेना अलर्ट, वायुसेना ने उड़ानें घटाईं, हमले की आशंका में हाई अलर्ट

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच...
भारत की चेतावनी से घबराया पाकिस्तान: नौसेना अलर्ट, वायुसेना ने उड़ानें घटाईं, हमले की आशंका में हाई अलर्ट

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। भारत के संभावित जवाबी सैन्य एक्शन को लेकर पाकिस्तान में साफ तौर पर घबराहट का माहौल है। खुफिया रिपोर्टों और सैन्य सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने समुद्र और आसमान दोनों मोर्चों पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।

पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि देश की नौसेना ने अपने युद्धपोतों और पनडुब्बियों को तटों पर स्टैंडबाय मोड में तैनात कर दिया है, ताकि भारतीय सैन्य कार्रवाई का तुरंत जवाब दिया जा सके। वहीं वायुसेना ने उड़ान संचालन में 50% से ज्यादा की कटौती कर दी है और केवल आवश्यक मिशनों को ही अंजाम दिया जा रहा है।

पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार ने दावा किया कि भारत अगले 24-36 घंटे में सैन्य कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा, “हमारे पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है कि भारत पहलगाम हमले को बहाना बनाकर पाकिस्तान पर हमला करने की योजना बना रहा है।”

तरार ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “भारत की खुद को जज, जूरी और जल्लाद मानने की प्रवृत्ति खतरनाक है। पाकिस्तान ने एक स्वतंत्र और तटस्थ जांच आयोग का प्रस्ताव दिया है, ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके।”

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी संसद में यह कहकर विवाद को हवा दी कि यूएनएससी के बयान से 'लश्कर-ए-तैयबा' की छद्म शाखा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)' का नाम हटवाने में पाकिस्तान की भूमिका रही, जो यह संकेत देता है कि पाकिस्तान अभी भी आतंकी संगठनों को परोक्ष संरक्षण देता है।

इधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से टेलीफोन पर बात कर भारत पर आरोप लगाए और कहा कि “पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अगर चुनौती दी गई तो अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से खड़ा होगा।”

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। भारत के सुरक्षा हलकों में इसे गंभीर आतंकी चुनौती माना जा रहा है, जिसके जवाब में ‘निर्णायक कार्रवाई’ की बात कही जा रही है।

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