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पीएम मोदी का ऐलान, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीन माह तक नहीं होगा 'मन की बात' का प्रसारण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ऐलान किया कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक...
पीएम मोदी का ऐलान, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीन माह तक नहीं होगा 'मन की बात' का प्रसारण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ऐलान किया कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक मर्यादा को ध्यान में रखते हुए उनका मासिक 'मन की बात' प्रसारण अगले तीन महीने तक प्रसारित नहीं किया जाएगा।

कार्यक्रम की 110वीं कड़ी में, उन्होंने रविवार को कहा कि ऐसी संभावना है कि आदर्श आचार संहिता मार्च में लागू की जाएगी जैसा कि पिछले चुनावों के दौरान भी किया गया था, जो अगले महीने किसी समय चुनाव कार्यक्रम की अपेक्षित घोषणा का संदर्भ था।

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम की बड़ी सफलता है कि इसे 110 एपिसोड के दौरान सरकार की छाया से भी दूर रखा गया है, उन्होंने कहा कि यह प्रसारण देश की सामूहिक ताकत और उपलब्धियों के लिए समर्पित है।

प्रधानमंत्री मोदी ने संख्या से जुड़ी शुभता का जिक्र करते हुए कहा, "यह लोगों का, लोगों के लिए और लोगों द्वारा कार्यक्रम है। जब हम अगली बार मिलेंगे तो यह मन की बात का 111वां एपिसोड होगा। इससे बेहतर क्या हो सकता है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अक्सर पर चुनावों में सत्ता बरकरार रखने का विश्वास व्यक्त किया है। गौरतलब है कि 2019 के आम चुनाव से पहले भी इस कार्यक्रम को टाल दिया गया था।

उन्होंने पहली बार मतदान करने वाले युवाओं से कहा, "मैं भी पहली बार मतदाता से आग्रह करूंगा कि वे रिकॉर्ड संख्या में वोट करें। 18 का होने के बाद आपको 18वीं लोकसभा के लिए सदस्य चुनने का मौका मिल रहा है। यानि ये 18वीं लोकसभा भी युवा आकांक्षा का प्रतीक होगी। इसलिए आपके वोट का महत्व और बढ़ गया है। आम चुनावों की इस हलचल के बीच, आप, युवा, ना केवल, राजनीतिक गतिविधियों का हिस्सा बनिए, बल्कि, इस दौरान चर्चा और बहस को लेकर भी जागरूक बने रहिए।"

पीएम ने कहा, "मुझे इस बात की खुशी है कि कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग ने एक और अभियान की शुरुआत की है - 'मेरा पहला वोट देश के लिए'। इसके जरिए विशेष रूप से पहली बार के मतदाता से अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने का आग्रह किया गया है। भारत को जोश और ऊर्जा से भरी अपनी युवा शक्ति पर गर्व है। हमारे युवा साथी चुनावी प्रक्रिया में जितनी अधिक भागीदारी करेंगे, इसके नतीजे देश के लिए उतने ही लाभकारी होंगे।"

पीएम मोदी ने महिला दिवस को लेकर कहा, "दोस्तों कुछ दिनों बाद 8 मार्च को हम महिला दिवस मनाएंगे। यह विशेष दिन देश की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को सलाम करने का अवसर है। महान कवि भरतियार जी ने कहा है कि दुनिया तभी समृद्ध होगी जब महिलाओं को समान अवसर मिलेंगे।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कुछ वर्ष पहले तक किसने सोचा था कि हमारे देश में, गांव में रहने वाली महिलाएं भी ड्रोन उड़ाएंगी, लेकिन आज ये संभव हो रहा है। आज तो गांव-गांव में ड्रोन दीदी की इतनी चर्चा हो रही है, हर किसी की जुबान पर नमो ड्रोन दीदी, नमो ड्रोन दीदी ये चल पड़ा है। हर कोई इनके विषय में चर्चा कर रहा है | एक बहुत बड़ी जिज्ञासा पैदा हुई है।"

उन्होंने कहा, "आज देश में कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जिसमें देश की नारी-शक्ति पीछे रह गई हो। एक और क्षेत्र जहां महिलाओं ने अपनी नेतृत्व क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वो है प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और स्वच्छता। केमिकल से हमारी धरती मां को जो कष्ट हो रहा है, जो पीड़ा हो रही है, जो दर्द हो रहा है हमारी धरती मां को बचाने में देश की मातृशक्ति बड़ी भूमिका निभा रही है। देश के कोने-कोने में महिलाएं अब प्राकृतिक खेती को विस्तार दे रही हैं।"

पीएम मोदी ने कहा, "देश के कोने-कोने में महिलाएं अब प्राकृतिक खेती को विस्तार दे रही हैं | आज अगर देश में 'जल जीवन मिशन' के तहत इतना काम हो रहा है तो इसके पीछे पानी समितियों की बहुत बड़ी भूमिका है। इस पानी समिति का नेतृत्व महिलाओं के ही पास है। इसके अलावा भी बहनें-बेटियां, जल संरक्षण के लिए चौतरफा प्रयास कर रही हैं।"

आधुनिक युग में बढ़ती तकनीकी निर्भरता पर उन्होंने कहा, "आज हम सबके जीवन में तकनीक का महत्त्व बहुत बढ़ गया है। मोबाइल फोन, डिजिटल गैजेट्स हम सबकी ज़िन्दगी का अहम हिस्सा बन गए हैं। लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि डिजिटल गैजेट्स की मदद से अब वन्य जीवों के साथ तालमेल बिठाने में भी मदद मिल रही है। कुछ दिन बाद, 3 मार्च को 'विश्व वन्य जीव दिवस' है | इस दिन को वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरुकता फ़ैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व वन्य जीव दिवस की थीम में डिजिटल नवाचार को सर्वोपरि रखा गया है।"

उन्होंने कहा, "आपको ये जानकर खुशी होगी कि हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए टैकनोलजी का खूब उपयोग हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या बढ़ी है। महाराष्ट्र के चंद्रपुर के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या ढ़ाई-सौ से ज्यादा हो गयी है। चंद्रपुर जिले में इंसान और बाघों के संघर्ष को कम करने के लिए AI की मदद ली जा रही है।"

पीएम ने कहा, "आज युवा उद्यमी भी वन्य जीव संरक्षण और पारिस्थितिकी पर्यटन के लिए नए-नए नवाचार सामने ला रहे हैं | उत्तराखंड के रुड़की में रोटर प्रिसिशन ग्रुप ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जिससे केन नदी में घड़ियालों पर नजर रखने में मदद मिल रही है। इसी तरह बेंगलुरु की एक कंपनी ने 'बघीरा' और 'गरुड़' नाम का ऐप तैयार किया है। बघीरा ऐप से जंगल सफारी के दौरान वाहन की गति और दूसरी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। देश के कई टाइगर रिजर्व में इसका उपयोग हो रहा है। AI और इंटरनेट पर आधारित गरुड़ ऐप को किसी CCTV से जोड़ने पर वास्तविक समय की चेतावनी मिलने लगती है। वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में इस तरह के हर प्रयास से हमारे देश की जैव विविधता और समृद्ध हो रही है।"

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