पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश से त्रस्त हिमाचल प्रदेश को अभी तत्काल राहत नहीं मिलने वाली है। दरअसल, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को पहाड़ी राज्य के कई जनपदों में अगले 24 घंटे के लिए "रेड" और "ऑरेंज" अलर्ट जारी किया है।
वरिष्ठ आईएमडी वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने सोमवार को कहा, "अगले 24 घंटों के लिए सोलन, शिमला, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, किन्नौर और लाहौल में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और चंबा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24 घंटों के लिए मंडी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।"
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को कहा था कि राज्य में पिछले कुछ दिनों में अभूतपूर्व बारिश दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि वह जानमाल के नुकसान और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान से चिंतित हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, जयराम ठाकुर ने एएनआई को बताया कि प्रदेश ने अपने इतिहास में कभी ऐसी बारिश नहीं देखी; 12 से भी अधिक बड़े पुल ध्वस्त हो गए हैं।
उन्होंने कहा, "पिछले सालों में हमने ऐसी स्थिति नहीं देखी। इसे लेकर मैं बड़ा चिंतित हूं। कई छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं और अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति रही तो और भी नुकसान हो सकता है।" बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जिससे भूस्खलन हुआ है, बिजली बाधित हुई है, सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राज्य में प्रकृति के प्रकोप ने पिछले 48 घंटों में 20 लोगों की जान ले ली है।
बारिश के कारण पर्यटक भी पहाड़ी राज्य के कुछ हिस्सों में फंसे हुए थे। वहीं, बुनियादी ढांचे के नुकसान का अनुमान 3,000 करोड़ रुपये से 4,000 करोड़ रुपए के बीच था। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को कहा कि राज्य ने पिछले 50 वर्षों में इतनी भारी बारिश नहीं देखी है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मौजूदा स्थिति पर हिमाचल के सीएम से बात की और केंद्र से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।