भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला विचाराधीन है और जांच की स्थिति रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इससे पहले, आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि पुलिस को महिला पहलवानों द्वारा सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों के पक्ष में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं और वह 15 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
जैसे ही यह खबर मीडिया में आई, दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर कहा, “यह स्पष्ट किया जाता है कि यह खबर ‘गलत’ है और इस संवेदनशील मामले में पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच जारी है।”
पुलिस की एक प्रवक्ता ने बाद में यह संदेश संवाददाताओं के साथ साझा किया लेकिन करीब एक घंटे बाद ही दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने उस संदेश को भी हटा दिया जो उन्होंने आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में पत्रकारों के लिए साझा किया था।
बाद में पुलिस प्रवक्ता ने हिंदी में एक और संदेश साझा किया जिसमें कहा गया, “महिला पहलवानों द्वारा दायर मामले अभी विचाराधीन हैं। इन मामलों में जांच को लेकर अदालत के समक्ष स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जा रही है।”
उन्होंने कहा, “चूंकि मामलों की जांच चल रही है, इसलिए अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने से पहले कुछ भी कहना प्रक्रिया के विरुद्ध होगा।” सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भी हैं।
जंतर-मंतर पर सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को पुलिस ने रविवार, 28 मई को वहां से हटा दिया था। रविवार को नये संसद भवन के उद्घाटन के बाद इन पहलवानों ने वहां तक मार्च निकालने की कोशिश की थी, जिस दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया था, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
पहलवानों ने तब घोषणा की कि वे सिंह के खिलाफ कार्रवाई की अपनी मांग के समर्थन में हरिद्वार में गंगा नदी में अपने पदक विसर्जित कर देंगे। लेकिन किसान नेताओं द्वारा इस मुद्दे को हल करने के लिए उनसे पांच दिनों का समय मांगे जाने के बाद उन्होंने पदक गंगा में विसर्जित करने का इरादा टाल दिया।
मंगलवार को किसानों के संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने पहलवानों के समर्थन में एक जून को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।