राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे शर्मनाक, घृणित और अपमानजनक करार दिया है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, "यह शर्मनाक, घृणित और अपमानजनक है। बर्बरता की कोई सीमा नहीं रह गई है। इसलिए जितनी निंदा की जाए, वह कम है। जो लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इसमें शामिल हैं, उन्हें सबक सिखाना ज़रूरी है। जम्मू-कश्मीर में एक आवाज़ उठनी चाहिए कि हम पहले हिंदुस्तानी हैं, उसके बाद कश्मीरी, डोगरी, पंडित या पंजाबी। हमें इस भावना के साथ मुंहतोड़ जवाब देना होगा।"
इंद्रेश कुमार ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान अब टूटने की कगार पर है और वहां के कई क्षेत्र स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "आज पाकिस्तान एक खाई के किनारे पर खड़ा है। सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पीओके और पंजाब उससे आज़ादी की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान बिखरने की कगार पर है। वे सोचते हैं कि भारत के खिलाफ नफरत फैलाकर खुद को बचा लेंगे, लेकिन यह संभव नहीं है।"
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इंद्रेश कुमार ने हालिया आतंकी वारदात को लेकर चिंता जताई और कहा कि ऐसी घटनाओं की तह तक जाकर जांच होनी चाहिए, खासकर जब हमले से पहले पीड़ित की धार्मिक पहचान पूछी गई हो। उन्होंने कहा, "मैं अकेला नहीं हूं जो कहता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, बहुत से लोग इस विचार को साझा करते हैं। लेकिन इस मामले में आतंकियों की हरकतें उनके इरादों पर सवाल खड़े करती हैं, जिसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए।"
पिछले कई दशकों में हुई हिंसा को याद करते हुए उन्होंने कहा, "पिछले 30-40 वर्षों में अनगिनत निर्दोष लोगों की हत्या हुई है। लेकिन उनके जनाजों में ना गुरबानी पढ़ी गई और ना ही गीता का पाठ हुआ। अगर हम सच में मानते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, तो इस सिद्धांत को हर बार और हर स्थिति में समान रूप से लागू करना होगा।"
उन्होंने जम्मू-कश्मीर और शेष भारत से हर प्रकार के आतंकवाद से पूरी तरह और स्पष्ट रूप से दूरी बनाने की अपील की।