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श्री राम के प्रति नहीं है सोनिया गांधी की आस्था! स्मृति ईरानी ने साधा कांग्रेस पर निशाना

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला के प्राण...
श्री राम के प्रति नहीं है सोनिया गांधी की आस्था! स्मृति ईरानी ने साधा कांग्रेस पर निशाना

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा ‘अस्वीकार’ किए जाने की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह उनकी भगवान राम के प्रति आस्था की कमी को दर्शाता है।

पटना स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य मुख्यालय में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के संचार नेटवर्क को मजबूत करने के लिए आयोजित एक ‘मीडिया कार्यशाला’ के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि सोनिया गांधी ने 22 जनवरी के समारोह (अयोध्या में) का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। हम उनसे इससे कुछ अलग की क्या उम्मीद कर सकते हैं। उनकी राम में आस्था नहीं है ये उन्होंने प्रमाणित किया।’’

कांग्रेस के एक बयान के अनुसार सोनिया गांधी, पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने निमंत्रण को ‘‘सम्मानपूर्वक तरीके से यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है लेकिन भाजपा और उसका मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)अयोध्या में मंदिर को लंबे समय से एक राजनीतिक परियोजना बनाए हुए है।’’

स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘‘हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में एक ऐसा नेता है जो लोकतंत्र के मंदिर और राम के मंदिर के लिए समान रूप से समर्पित है।’’ बाद में, पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा,‘‘यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कांग्रेस नेताओं ने निमंत्रण स्वीकार नहीं किया है। आखिरकार, जब सोनिया गांधी पार्टी की प्रमुख थीं और वह केंद्र में सत्ता में थी, तब अदालत में दाखिल हलफनामा में कहा गया था कि भगवान राम का अस्तित्व नहीं है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसादको निमंत्रण दिया जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं केवल इतना कह सकती हूं कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस बार-बार सनातन धर्म को बदनाम करने की दोषी रही है और अब इसमें ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य दल शामिल हो गये है।’’

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