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19 साल की सुलेखा के साथ 500 साल पहले जैसी क्रूरता, दरवाजा बंद कर चुनवा दी दीवार

दिलों की रंजिश दीवार बन कर सामने खड़ी हुई तो पड़ोसी ने 19 साल की सुलेखा को अकेले पाकर कमरे में बंद कर बाहर...
19 साल की सुलेखा के साथ 500 साल पहले जैसी क्रूरता, दरवाजा बंद कर चुनवा दी दीवार

दिलों की रंजिश दीवार बन कर सामने खड़ी हुई तो पड़ोसी ने 19 साल की सुलेखा को अकेले पाकर कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया। इतने से मन नहीं भरा तो बाहर से ईंट की दीवार खड़ी कर दी। बाद में पुलिस आई तब दीवार तोड़ दरवाजा खोला गया और नाबालिग को बाहर निकाला। करीब छह घंटे तक इस हालत में अकेली रहने वाली सुलेखा दम घुटने से बेहोशी की हालत में मिली। घटना के सिलसिले में एक महिला सावित्री देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इधर थाना में मामला दर्ज होने और सावित्री की गिरफ्तारी के बाद शनिवार की रात जब सुलेखा के परिवार वाले थाना गये हुए थे पुन: आरोपी सुलेखा के घर पहुंचे और घर को तहस नहस कर दिया। छप्‍पर उखाड़ दिया, दरवाजे को भी तोड़ दिया। मामले के अन्‍य आरोपी फरार हैं। पुलिस के अनुसार घटना के पीछे जमीन का विवाद है।

 

सुलेखा 

घटना झारखण्‍ड के कोडरमा जिले के जयनगर प्रखंड के योगियाटिल्‍हा गांव की है। नाबालिग के पिता किशोर पंडित अन्‍य सदस्‍यों के साथ शुक्रवार को एक रिश्‍तेदार के यहां गृह प्रवेश के समारोह में शामिल होने गये थे। घर में नाबालिग अकेली थी। घटना के बारे में उन्‍हें जानकारी मिली तो वे वापस आये और थाना पहुंच तब पुलिस ने बच्‍ची को निकाला। फिर बच्‍ची का सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में इलाज कराया। नाबालिग बेटी को कैद करने संबंधी आवेदन पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें शंकर पंडित, विनोद पंडित, मनोज पंडित, बीरबल पंडित और उनकी पत्‍नी क्रमश: उषा देवी, गायत्री देवी, मनीषा देवी और मीना देवी को नामजद अभियुक्‍त बनाया गया है।

 

 

सुलेखा के पिता किशोर पंडित

 

यह है मामला

सुलेखा के पिता किशोर पंडित के अनुसार आरोपियों के साथ लंबे समय से जमीन का विवाद चला आ रहा है। हालांकि अदालत का फैसला उनके पक्ष में है। शुक्रवार को सुलेखा अकेली थी और बछड़े को चारा दे रही थी। इसी दौरान सभी आरोपी एक साथ आये और उसे बछड़े के साथ कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया। सुलेखा चिल्‍लाती रही मगर लोगों को दया नहीं आई। फिर आरोपियों ने मेन गेट के बाहर ईंट की दीवार खड़ी कर दी।

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