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मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर नाबालिग की गिरफ्तारी के मामले में दो इंस्पेक्टर समेत 11 निलंबित

बिहार की राजधानी पटना में पुलिसकर्मियों को मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर 14 वर्षीय नाबालिग पंकज की...
मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर नाबालिग की गिरफ्तारी के मामले में दो इंस्पेक्टर समेत 11 निलंबित

बिहार की राजधानी पटना में पुलिसकर्मियों को मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर 14 वर्षीय नाबालिग पंकज की गिरफ्तारी के मामले में दो पुलिस इंस्पेक्टर और छापा मारने वाली टीम के नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।जोनल आइजी नैयर हसनैन खान ने सोमवार को बताया कि एसडीपीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है और उन्हें कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दिए गए जांच के आदेश के बाद की गई है।

समाचार एजेंसी एनएनआइ के अनुसार एसएसपी को फिर से मामले की जांच करने के लिए कहा गया है। आइजी के अनुसार नाबालिग को बेऊर जेल से रिमांड होम भेजने का भी आदेश दिया गया है। उन्होंने बताया कि उसकी उम्र की सही जांच करने के लिए मेडिकल बोर्ड का भी गठन किया जाएगा। आइजी ने बताया कि अगमकुंआ पुलिस स्टेशन के पूरे स्टाफ को जिला लाइंस में भेज दिया गया है।

निलंबित किए गए इंस्पेक्टर के नाम कामाख्या प्रसाद सिंह और राजेंद्र प्रसाद सिंह हैं और ये दोनों अगमकुंआ और बाइपास पुलिस थाने के प्रभारी थे। इनके अलावा लड़के की गिरफ्तारी के समय अगमकुंआ थाने कार्यवाहक प्रभारी रहे मुन्ना कुमार वर्मा को भी निलंबित कर दिया गया है।

पटना सिटी के अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) हरिमोहन शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। आइजी ने बताया कि शुक्ला लड़के के परिजनों द्वारा महीनों पहले की गई शिकायत पर कोई कार्रवाई करने में विफल रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब एसडीपीओ का जवाब आ जाएगा तब उनके निलंबन और विभागीय कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा।

गौरतलब है कि पटना के पत्रकार नगर थाना इलाके में एक सब्जी विक्रेता सुकून पासवान के 14 वर्षीय पुत्र पंकज को केवल इस आधार पर गिरफ़्तार कर लिया गया, क्योंकि उसने स्थानीय थाने को मुफ्त में सब्जी देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, यह घटना 20 मार्च की है।

पंकज के परिजनों का कहना है कि पुलिस वाले पेट्रोलिंग के दौरान आते थे और फ्री में सब्जी ले जाते थे। एक दिन मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर उन्होंने मेरे बेटे को धमकी दी थी। मेरे बच्चे पर बाइक लूट की साजिश का झूठा आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया गया। मीडिया में मामला आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 जून को जांच कर 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे।

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