कोलकाता में होने वाले चुनावों को देखते हुए ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक मेगा रैली का आयोजन किया गया। इस दौरान माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि आरएसएस-भाजपा की सांप्रदायिक गतिविधि को रोकने के लिए जरूरी है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहले तृणमूल कांग्रेस को हराया जाए। उन्होंने दावा किया कि टीएमसी भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए को त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के लिए फिर से शामिल कर सकती है।
टीएमसी और बीजेपी के बीच चल रहे राजनीतिक झगड़े को बनावटी करार देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बनाए गए पीएम केयर्स फंड का उपयोग चुनावों के दौरान नेताओं को खरीदने के लिए कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष ताकतों का यह महागठबंधन राज्य में भ्रष्ट टीएमसी सरकार और भाजपा को हराने के लिए संघर्ष करेगा और बेहतर बंगाल के लिए लड़ेगा। हम बंगाल में जनता के अधिकारों के समग्र विकास और संरक्षण के लिए जनहित सरकार चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर किसान केंद्र सरकार की जनविरोध नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। यदि हमें भोजन देने वाले ऐसी लड़ाई लड़ सकते हैं तो हम भी ऐसा कर सरते हैं।
वंशवाद की राजनीति के मुद्दे पर कई अन्य राजनीतिक दलों, खासकर कांग्रेस पर हमला करने को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए येचुरी ने हैरानी जताई कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का सचिव कैसे बन गया। भाजपा भ्रष्ट्रचार और वंशवाद की राजनीति की राजनीति करती है। एक स्टेडियम नरेंद्र मोदी के नाम पर है।
येचुरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी भी युवाओं के संग वहीं कर रही है, जो केंद्र की सरकार किसानों के खिलाफ कर रही है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि कई लोग मुझसे पूछते है कि त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिती में हम क्या करेंगे। मैं उनसे बोलता हूं कि यह सवाल आप तृणमूल कांग्रेस से करें क्योंकि वह इसका जवाब काफी अच्छे से दे सकते हैं।