दिल्ली में लगातार तीसरे दिन मंगलवार को वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किए जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में ‘ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (ग्रैप) के पहले चरण के तहत प्रतिबंध लागू हो गए हैं।
सर्दियों में विशेष प्रदूषण रोधी उपायों के अंतर्गत ग्रैप के पहले चरण के तहत प्रतिबंध का उद्देश्य निर्माण स्थलों पर धूल को कम करना, उचित अपशिष्ट प्रबंधन और सड़कों की नियमित सफाई के माध्यम से प्रदूषण को नियंत्रित करना है। ग्रैप एक के पहले चरण में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की सख्त जांच, बेहतर यातायात प्रबंधन और उद्योगों, बिजली संयंत्रों और ईंट भट्टों में उत्सर्जन नियंत्रण को अनिवार्य बनाया गया है।
ग्रैप के पहले चरण के अंतर्गत कचरे को खुले में जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है, डीजल जेनरेटर के उपयोग को सीमित किया गया है तथा भोजनालयों में कोयले या लकड़ी के उपयोग पर रोक लगाई गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को 207 दर्ज किया गया और लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। दशहरा के बाद शहर का एक्यूआई ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के सामान्य तापमान से दो डिग्री कम है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे हवा में नमी का स्तर 64 प्रतिशत दर्ज किया गया। विभाग ने दिन में बादल छाए रहने का अनुमान जताया है और अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहने की संभावना है।
बता दें कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ तथा 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।